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आरजी कर में हुई घटना के पीछे तृणमूल सरकार की सहमति और प्रेरणा थी : समिक भट्टाचार्य

कोलकाता के बहुचर्चित आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी को 90 दिन हो गए

आरजी कर में हुई घटना के पीछे तृणमूल सरकार की सहमति और प्रेरणा थी : समिक भट्टाचार्य
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कोलकाता। कोलकाता के बहुचर्चित आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी को 90 दिन हो गए। अन्याय के खिलाफ कोलकाता में जूनियर डॉक्टर्स की शनिवार को एक बड़ी रैली की। इस पर भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद समिक भट्टाचार्य ने जूनियर डॉक्टर्स से साथ एकजुटता प्रकट की है।

उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमें यह विश्वास नहीं होता कि इस सरकार के होते हुए किसी को न्याय मिल सकता है। जो भी डॉक्टरों द्वारा उठाई गई मांगें हैं, वह जायज हैं और सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। लेकिन, अगर तृणमूल पार्टी से कोई मानवता की उम्मीद कर रहा है, तो यह गलत है। सब जानते हैं कि यह केवल एक व्यक्ति का काम नहीं था। संदीप घोष जैसे व्यक्ति अकेले इस व्यवस्था को खड़ा नहीं कर सकते थे और इसके पीछे तृणमूल सरकार की सहमति और प्रेरणा थी। उसी कारण पूरा सिस्टम चरमरा गया है। जितना समय बीतेगा, यदि कुछ नहीं बदला तो कोई सुधार नहीं आएगा। भारतीय जनता पार्टी का यह कहना है कि हम जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं और उनकी मांगों को तुरंत पूरा करने की अपील कर रहे हैं, विशेषकर उनकी सुरक्षा को लेकर। लेकिन, यह हो नहीं रहा है। जैसे-जैसे समय आगे बढ़ेगा, अगर यही स्थिति बनी रही तो तृणमूल पार्टी का शासन और शांति का माहौल किसी भी सुधार के बिना चलता रहेगा, जो असंभव है।”

इसके बाद उन्होंने शुक्रवार को बांग्लादेश में कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम द्वारा जुमे की नमाज के बाद इस्कॉन के खिलाफ रैली निकालने और इस रैली में खुलेआम 'एक इस्कॉन भक्त को पकड़ो, फिर कत्ल करो।' जैसे नारे लगाने पर उन्होंने कहा, “हमारे बांग्लादेश के साथ द्विपक्षीय रिश्तों के कारण हम ज्यादा कुछ नहीं बोल पा रहे हैं, लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी हिंदू डायस्पोरा के लिए चिंतित नहीं है। आज बांग्लादेश में हिंदुओं, जैन, सिख, ईसाई, पारसी और अन्य समाजों पर अत्याचार हो रहा है। जायसवाल, गुप्ता, अग्रवाल, घोष, बोस, बत्रा जैसे समुदायों पर हमले हो रहे हैं। पिछले दुर्गा पूजा में 401 दुर्गा प्रतिमाओं को नष्ट किया गया। शक्ति पीठों पर भी हमला किया गया और एक मंदिर को भी ध्वस्त कर दिया गया। हिंदू मेडिकल और इंजीनियरिंग छात्रों को बाहर निकाला जा रहा है, हिंदू शिक्षकों को हटाया जा रहा है। यह स्थिति कब तक चलेगी? हम उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार इस पर ध्यान दे, क्योंकि हम चाहते हैं कि पूरी दुनिया समझे कि बांग्लादेश में जो हो रहा है, वह कोई सामान्य घटना नहीं है।”

उन्होंने आगे कहा, “बांग्लादेश में जो हो रहा है, वह एक खौ़फनाक संदेश है, न केवल एशिया, बल्कि पूरी दुनिया के लिए। यह स्थिति कब तक चलेगी? यह तो तालिबान से भी आगे बढ़ चुका है। तालिबान ने जो किया, वही अब बांग्लादेश में हो रहा है। हमें एकजुट होकर इस अत्याचार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि पश्चिम बंगाल में, जहां बड़ी संख्या में बंगाली हिंदू रहते हैं, आज वे चुप हैं। सिविल सोसाइटी का कोई सदस्य भी इस मुद्दे पर नहीं बोल रहा है। पश्चिम बंगाल में तो यह स्थिति हो गई है कि कोई भी पार्टी इस मुद्दे पर बयान नहीं दे रही। न कांग्रेस, न सीपीएम, और न कोई अन्य राजनीतिक दल इस पर बोल रहा है। जो कभी दुनिया भर में मानवाधिकार की बात करते थे, आज वे भी चुप हैं। यह स्थिति बहुत ही चिंताजनक है।”


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