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राजस्थान विधानसभा में सदन की कार्यवाही पांचवीं बार स्थगित

राजस्थान की सोलहवीं विधानसभा के तृतीय एवं बजट सत्र में एक मंत्री की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर टिप्पणी को लेकर विपक्ष के हंगामे के बाद उत्पन्न गतिरोध के बीच सोमवार को सदन की कार्यवाही पांचवीं बार स्थगित करनी पड़ी

राजस्थान विधानसभा में सदन की कार्यवाही पांचवीं बार स्थगित
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जयपुर। राजस्थान की सोलहवीं विधानसभा के तृतीय एवं बजट सत्र में एक मंत्री की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर टिप्पणी को लेकर विपक्ष के हंगामे के बाद उत्पन्न गतिरोध के बीच सोमवार को सदन की कार्यवाही पांचवीं बार स्थगित करनी पड़ी।

हालांकि इस दौरान अपराह्न एक से दो बजे तक भोजन अवकाश के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित रही। सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित होने के बाद अपराह्न दो बजे फिर शुरु होने पर अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने वेल मेें खड़े विपक्ष के सदस्यों से अपने सीटों पर जाने की अपील की और निलंबित कांग्रेस विधायकों से सदन के बाहर जाने के लिए कहा। इस पर विपक्ष के सदस्य अपने सीटों पर चले गये और निलंबित सदस्य सदन के बाहर निकल गये।
इसके बाद देवनानी ने प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली को बोलने की अनुमति दी। इस पर जूली ने कहा कि हमेशा संसदीय परम्पराओं का सम्मान किया गया है और सभी सदस्य यहां जनता की बात रखने एवं राजस्थान कैसे आगे बढ़े इसके लिए आते हैं और हाल में सदन में जो घटना घटित हुई वह नहीं होनी चाहिए। इसके लिए अध्यक्ष को व्यवस्था दे।

इसी तरह कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य राजेन्द्र पारीक ने कहा कि सदन में जो गतिरोध हुआ वह गलत हुआ और संवाद से ही समाधान तक पहुंचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि गतिरोध से सदन का मूल्यवान समय को व्यर्थ गया जो चिंता का विषय हैं और भविष्य में ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने अध्यक्ष से आग्रह किया कि वह उदारता दिखाते हुए इस गतिरोध को समाप्त करे।


इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि सदन की गरिमा बनी रहे एवं सदन की स्वस्थ परम्परा कायम रहे। उन्होंने कहा कि पक्ष एवं विपक्ष दोनों पक्ष आसन का सम्मान करे और एक दूसरे का सम्मान करे। उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष नेता ने भी कहा और हमारे दल का भी मानना है कि सदन में गतिरोध समाप्त हो। उन्होंने अध्यक्ष से आग्रह किया कि इसके लिए कोई समाधान निकाले और गतिरोध समाप्त कर सदन की स्वस्थ परम्परा को कायम करे।

इसके पश्चात देवनानी ने निलंबित सदस्य गोविंद सिंह डोटासरा को बोलने के लिए सदन में आने के लिए विशेष अनुमति दी और इस दौरान डोटासरा ने कहा कि अध्यक्ष ने हमेशा विपक्ष का संरक्षण प्रदान किया हैं। उन्होंने सदन में घटना को खेदजनक बताया लेकिन कहा कि इस पर पहले इंदिरा गांधी पर टिप्पणी करने वाले मंत्री बोले उसके बाद वह आगे बोलेंगे। इस पर पटेल ने कहा कि गतिरोध समाप्त करने के लिए जो बात हुई डोटासरा को उस पर कायम रहना चाहिए लेकिन डोटासरा के नहीं मानने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दो बजकर 18 मिनट पर पांचवीं बार आधा घंटे के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले प्रश्नकाल में तेरह मिनट बाद ही दोपहर 12 बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद फिर से सदन की कार्यवाही शुरू हुई लेकिन विपक्ष का हंगामा जारी रहा और सदन की कार्यवाही भी जारी रही और शून्यकाल में स्थगन प्रस्ताव एवं नियम 295 के तहत सदस्य अपनी बात रख रहे थे कि विपक्ष के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के पास पहुंच जाने पर मार्शल बुलाने पड़ गए । इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने 12 बजकर 13 मिनट पर एक बजे तक स्थगित कर दी। इसके बाद एक बजे सदन की कार्यवाही फिर भोजनअवकाश के लिए दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

उल्लेखनीय है कि विधानसभा में शुक्रवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत की इंदिरा गांधी को लेकर की गई टिप्पणी के विरोध में विपक्षी विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा करने एवं आसान के नजदीक पहुंच जाने के बाद कांग्रेस के छह विधायकों को सदन से इस सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन में ही धरना शुरू कर दिया था।


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