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सामाजिक कार्यकर्ता का चरित्र शुद्ध और जीवन होना चाहिए निष्कलंक : अन्ना हजारे

महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि गांव में मीडिया से बात करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि समाज और राष्ट्र हित को ध्यान में रखकर कार्यकर्ताओं को काम करना चाहिए

सामाजिक कार्यकर्ता का चरित्र शुद्ध और जीवन होना चाहिए निष्कलंक : अन्ना हजारे
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अहमदनगर। महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि गांव में मीडिया से बात करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि समाज और राष्ट्र हित को ध्यान में रखकर कार्यकर्ताओं को काम करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अगर संगठन मजबूत करना हो तो कार्यकर्ताओं का चरित्र शुद्ध होना चाहिए। साथ ही जीवन निष्कलंक होना चाहिए, जीवन में त्याग करने आना चाहिए और अपमान सहन करने की शक्ति होनी चाहिए। जब आचार विचार शुद्ध होता है तब किसी कार्यकर्ता की बात का वजन और महत्व होता है। लोग उसे सुनते है। सरकार कोई भी हो नाक दबाए तो मुंह खोलना चाहिए।

दरअसल रव‍िवार को लोक आंदोलन न्यास के 25 जिले के कार्यकर्ता अन्ना से मिलने रालेगण सिद्धि उनके गांव आए थे। उसी दौरान इशारों ही इशारों में अन्ना ने ये बात अरविंद केजरीवाल को ध्यान में रखकर कही, हालांकि सीधे तौर पर उनका नाम नहीं लिया।

अन्ना ने अपने कार्यकर्ताओं को बताया कि उनके आंदोलन से ही ग्राम सभाओं की ज्यादा अधिकार मिले। जन आंदोलन से आरटीआई आया। दफ्तरों में होने वाली धांधली और ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर कानून बने। ग्राम रक्षक दल बना और सबसे महत्वपूर्ण जन लोकपाल बिल आया। इस तरह के कुल 10 कानून बने।

वहीं बीते 3 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में एक रैली को संबोधित करते हुए बिना नाम लिए पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जमकर कटाक्ष किया। उन्होंने समाजसेवी अन्ना हजारे का जिक्र करते हुए कहा कि अन्ना हजारे जी को आगे रखकर कुछ 'कट्टर बेईमान' लोगों ने दिल्ली को 'आपदा' की ओर धकेल दिया है।


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