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बिहार के विकास के लिए केंद्र सरकार ने खजाना खोल रखा है : सम्राट चौधरी

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार के विकास के लिए केंद्र सरकार ने अपना खजाना खोल रखा है

बिहार के विकास के लिए केंद्र सरकार ने खजाना खोल रखा है : सम्राट चौधरी
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पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने शनिवार को कहा कि बिहार के विकास के लिए केंद्र सरकार ने अपना खजाना खोल रखा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार बढ़ रहा, इसमें केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार पूर्णरूप से सहायता कर रही है।

सम्राट चौधरी ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि आज भी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कार्यक्रम हुआ, जो बिहार के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने शनिवार को बिहार के मधुबनी में ऋण आउटरीच कार्यक्रम की अध्यक्षता की। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी इसमें उपस्थित थे।

कार्यक्रम में सांसद रामप्रीत मंडल, संजय कुमार झा, डॉ. अशोक कुमार यादव तथा विधायक विनोद नारायण झा, सुधांशु शेखर और घनश्याम ठाकुर भी मौजूद थे।

वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव एम. नागराजू, राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के अध्यक्ष केवी शैजी, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंधक निदेशक एम.वी. राव, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के अध्यक्ष सह-प्रबंध निदेशक मनोज मित्तल, वित्तीय सेवा विभाग के अपर सचिव एम.पी. तंगिराला और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के उप-प्रबंध निदेशक सुरिंदर राणा ने भी ऋण आउटरीच कार्यक्रम में भाग लिया।

सम्राट चौधरी ने कार्यक्रम के लिए मधुबनी आने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में क्षेत्र के आर्थिक विकास के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री की देखरेख में किए जा रहे प्रयासों का विशेष उल्लेख किया।

निर्मला सीतारमण ने विभिन्न बैंकों द्वारा 50,294 लाभार्थियों को 1,121 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए। क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम के दौरान 70 वर्ष और अधिक आयु के कुछ वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) कार्ड भी प्रदान किए गए।

नाबार्ड और सिडबी ने विभिन्न ग्रामीण सड़क परियोजनाओं के लिए क्रमशः 155.84 करोड़ रुपये और 75.52 लाख रुपये से अधिक की मंजूरी की घोषणा की।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने विशिष्ट व्यक्तियों के साथ लगभग 25 स्टॉलों का निरीक्षण किया, जहां बैंकों और नाबार्ड द्वारा वित्तपोषित उद्यमियों के विभिन्न स्थानीय उत्पाद और हस्तशिल्प प्रदर्शित किए गए थे।

इस अवसर पर कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत विभिन्न गतिविधियों की भी घोषणा की गई। बैंकों ने सीएसआर के तहत स्कूलों, खास तौर पर बालिका विद्यालयों में आधारभूत ढांचा बेहतर बनाने के लिए सहायता को मंजूरी दी ।


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