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बिना परामर्श के पार्टी सांसद को प्रतिनिधिमंडल में लिया जाना स्वीकार्य नहीं : तृणमूल कांग्रेस

केंद्र सरकार के ऑपरेशन सिंदूर वैश्विक संपर्क कार्यक्रम के लिए पार्टी सांसद यूसुफ पठान को वापस लेने के एक दिन बाद तृणमूल कांग्रेस महासचिव अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को कहा कि पार्टी ने अभियान का बहिष्कार नहीं किया है, लेकिन बिना किसी परामर्श के एकतरफा रूप से पार्टी सांसद काे प्रतिनिधिमंडल में लिया जाना स्वीकार्य नहीं है

बिना परामर्श के पार्टी सांसद को प्रतिनिधिमंडल में लिया जाना स्वीकार्य नहीं : तृणमूल कांग्रेस
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कोलकाता। केंद्र सरकार के ऑपरेशन सिंदूर वैश्विक संपर्क कार्यक्रम के लिए पार्टी सांसद यूसुफ पठान को वापस लेने के एक दिन बाद तृणमूल कांग्रेस महासचिव अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को कहा कि पार्टी ने अभियान का बहिष्कार नहीं किया है, लेकिन बिना किसी परामर्श के एकतरफा रूप से पार्टी सांसद काे प्रतिनिधिमंडल में लिया जाना स्वीकार्य नहीं है।


नई दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले दमदम हवाई अड्डे पर बनर्जी ने सवाल किया कि “केंद्र सरकार तृणमूल कांग्रेस के साथ इसपर चर्चा किए बिना प्रतिनिधिमंडल में उसके प्रतिनिधि पर एकतरफा फैसला कैसे ले सकती है?” उन्होंने कहा कि “भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को विपक्ष के साथ चर्चा करने के बाद तय करना चाहिए था कि कौन सी पार्टी अपने किस प्रतिनिधि को भेजेगी। भाजपा कैसे तय कर सकती है कि तृणमूल कांग्रेस अपना कौन प्रतिनिधि भेजेगी।”

बनर्जी ने कहा “हम पहलगाम मामले में हमेशा केंद्र के साथ रहे हैं और सरकार द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत की गई कार्रवाई का समर्थन करते हैं, लेकिन सरकार को भारत की संपर्क योजना के लिए प्रतिनिधि सदस्यों का नाम तय करने से पहले विपक्ष से परामर्श करना चाहिए था।”

उन्होंने कहा , “अगर आवश्यक हुआ तो हम पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों को उजागर करने के लिए विभिन्न देशों में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए अपने पांच सांसदों को भेज सकते हैं और हम इस अभियान का बहिष्कार नहीं कर रहे हैं, लेकिन हमें वहां अपने सदस्य को भेजने का अधिकार है।”

पठान का नाम भारत सरकार ने सभी पार्टियों के संसदीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया था जो 30 देशों का दौरा करेगा। बहुपार्टी प्रतिनिधिमंडल में सात समूह है और प्रत्येक समूह का नेतृत्व एक सांसद करेंगे, जिनका गठन वैश्विक रूप से गलत सूचना का मुकाबला करने और देश के आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता नीति को उजागर करने के लिए किया गया है। प्रतिनिधिमंडल कई देशों का दौरा करेंगे, जिसमें सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन, अल्जीरिया, यूके, फ्रांस, जर्मनी, यूरोपीय संघ, इटली, डेनमार्क, इंडोनेशिया, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, जापान, सिंगापुर, यूएई, लाइबेरिया, कांगो, सिएरा लियोन, संयुक्त राज्य अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राज़ील, कोलंबिया, स्पेन, ग्रीस, स्लोवेनिया, लातविया, रूस, मिस्र, कतर, इथियोपिया और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।


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