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सपा ने उपचुनाव में नेताओं के सगे-संबंधियों पर जताया भरोसा, भाजपा ने उठाए सवाल

उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी ने अपने सात उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। इनके ज्यादातर उम्मीदवार किसी न किसी नेता के रिश्तेदार हैं। भाजपा ने इसे मुद्दा बनाते हुए सपा पर परिवारवाद का आरोप लगाया है

सपा ने उपचुनाव में नेताओं के सगे-संबंधियों पर जताया भरोसा, भाजपा ने उठाए सवाल
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी ने अपने सात उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। इनके ज्यादातर उम्मीदवार किसी न किसी नेता के रिश्तेदार हैं। भाजपा ने इसे मुद्दा बनाते हुए सपा पर परिवारवाद का आरोप लगाया है।

दरअसल, समाजवादी पार्टी ने चुनाव की तिथि घोषित होने से पहले ही छह सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित किए थे। इसमें मैनपुरी की करहल से लालू प्रसाद यादव के दामाद और अपने परिवार के भतीजे तेज प्रताप सिंह यादव को उम्मीदवार बनाया है। इससे पहले वो मैनपुरी के सांसद भी रह चुके हैं। अम्बेडकरनगर की कटेहरी सीट से लालजी वर्मा की पत्नी शोभा वर्मा उम्मीदवार बनाया गया। इस सीट से लालजी वर्मा पहले विधायक थे। उनके सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई थी। मिर्जापुर की मझवां से पूर्व सांसद रमेश बिंद की बेटी डा. ज्योति बिंद को उम्मीदवार बनाया गया है। कानपुर की सीसामऊ से पूर्व विधायक हाजी इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को उम्मीदवार बनाया है। समाजवादी पार्टी ने मीरापुर विधानसभा उपचुनाव के लिए सुंबुल राणा को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। सुंबुल राणा पूर्व सांसद कादिर राणा की पुत्रवधू हैं और बसपा नेता एवं पूर्व सांसद मुनकाद अली की बेटी हैं।

वहीं मिल्कीपुर सीट से फैजाबाद सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को उतारा गया है। हालांकि इस सीट पर अभी चुनाव नहीं हो रहे हैं।

प्रयागराज की फूलपुर सीट से उम्मीदवार बिना किसी नेता के परिवार से हैं। फूलपुर सीट के प्रत्याशी मुस्तफा सिद्दीकी पहले भी विधायक रह चुके हैं।

सियासी जानकर कहते हैं कि सपा की जारी सूची में उनके पीडीए फार्मूले का ध्यान तो रखा गया है। लेकिन सात में छह उम्मीदवार नेताओं के परिवार से है। इससे जाहिर होता है कि सपा मुखिया को परिवारवाद पर ही भरोसा है।

भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि सपा सिर्फ पीडीए का नाम देती है। उसका मकसद ही परिवारवाद और जातिवाद करना है।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता आनंद दुबे कहते हैं कि समाजवादी पार्टी का नारा सिर्फ पीडीए है। उनका काम नेताओं की पीढ़ियों को बढ़ाने का है। यह लोग अपने परिवार और कुनबा बढ़ाने की राजनीति करते हैं। उत्तर प्रदेश इनकी परिवारवाद और जातिवाद की सोच से वाकिफ हो चुका है। सपा के नाम के लिए समाजवाद है जबकि चरित्र में परिवाद है।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील साजन का कहना है कि भाजपा अपनी नाकामी छिपाने के लिए ऐसी बात कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सपा ने 2012, 2017 और 2022 के चुनाव में आम कार्यकताओं को टिकट दिया गया है। हमारी पार्टी कार्यकर्ताओं की है। उपचुनाव में सभी की सहमति से टिकट दिए जा रहे हैं। जिला से लेकर बूथ कमेटी राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मशविरा करके उम्मीदवार घोषित कर रही है। भाजपा का आरोप फर्जी है। यह उम्मीदवार जनता के बीच जाएंगे। वह तय करेगी। इन उम्मीदवारों पर जनता अपनी मुहर लगाएगी।

ज्ञात हो कि चुनाव आयोग ने यूपी में 9 सीटों के लिए चुनावी कार्यक्रम तय किया है। मिल्कीपुर की सीट पर पिटीशन होने की वजह से यहां के लिए चुनाव की तारीखें तय नहीं हुई हैं। बाकी सीटों पर 13 नवंबर को चुनाव होना है। सपा ने नौ अक्टूबर को ही मिल्कीपुर के साथ करहल, सीसामऊ, फूलपुर, कटेहरी और मझवां में प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। मीरापुर में उम्मीदवार की घोषणा हो चुकी है। अब प्रत्याशी उतारने के लिए कुंदरकी, मीरापुर, गाजियाबाद और खैर सीटें बची थीं। बताया जा रहा दो सीटें कांग्रेस को दी गई हैं। लेकिन अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है।


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