Top
Begin typing your search above and press return to search.

भट्टयाण में बनेगा सियाराम बाबा का समाधि स्थल : मोहन यादव

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने खरगौन जिले के भट्टयाण आश्रम पहुंचकर सियाराम बाबा के चरणों में माथा टेका

भट्टयाण में बनेगा सियाराम बाबा का समाधि स्थल : मोहन यादव
X

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को खरगौन जिले के भट्टयाण आश्रम पहुंचकर सियाराम बाबा के चरणों में माथा टेका। इसके साथ ही बाबा की पार्थिव देह के डोले पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पावन भूमि पर बाबा का समाधि स्थल और भट्टयाण में नर्मदा नदी का घाट बनाया जाएगा। भट्टयाण को धार्मिक पर्यटक स्थल के रूप विकसित करेंगे।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "खरगोन स्थित भट्टयान आश्रम पहुंचकर दिव्य संत, परम पूज्य सियाराम बाबा जी के चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित की। आपने त्याग, तप और भक्ति की त्रिवेणी से मां नर्मदा के इस पावन तट के साथ ही संपूर्ण प्रदेश को आध्यात्मिक प्रकाश से आलोकित किया। आपके देवलोकगमन से सनातन संस्कृति के अविरल प्रवाह में शून्यता का अनुभव हो रहा है। लोक कल्याण को आपने ईश्वर भक्ति का मार्ग बताया है, जिसे आत्मसात कर हम जन-जन के उत्थान के लिए प्रयास में सदैव समर्पित रहेंगे।"

केंद्रीय मंत्री और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया पर लिखा, "सुप्रसिद्ध संत, परम पूज्य सियाराम बाबा जी के देवलोकगमन के समाचार से हृदय स्तब्ध है। वह नर्मदा मैया के परम भक्त थे और आज मोक्षदा एकादशी पर नर्मदा मैया की ही गोद में उन्होंने देह त्याग किया है। महाराज जी के विचार, शिक्षाएं और उपदेश सदैव हमें मार्गदर्शित करते रहेंगे। श्रद्धेय महाराज जी के श्रीचरणों में कोटि-कोटि प्रणाम।"

निमाड़ के निर्गुणी संत श्री सियाराम बाबा का बुधवार सुबह मां नर्मदा तट के ग्राम भट्टयाण स्थित आश्रम से देवलोकगमन हुआ। मां नर्मदा के साधक संत श्री सियाराम बाबा कुछ दिनों से अस्वस्थ थे। मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर खरगौन जिला प्रशासन ने बाबा के उपचार की सभी व्यवस्था की थी। बाबा की इच्छा के अनुरूप भट्टयाण आश्रम में ही चिकित्सकों की टीम बाबा के स्वास्थ्य पर नजर रखे हुए थी।

वयोवृद्ध संत सियाराम बाबा की आयु 100 साल से अधिक बताई जाती है। बाबा के देवलोकगमन का समाचार मिलते ही भक्तजन सुबह से ही बड़ी संख्या में उनके अंतिम दर्शन के लिए भट्टयाण आश्रम पहुंचने लगे थे।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it