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शिवसेना ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के आंदोलन पर उठाया सवाल, कहा- मराठी भाषा की मांग शिवसेना की थी

महाराष्ट्र में बैंकों के सारे कामकाज मराठी में किए जाने की मांग को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने मुंबई में आंदोलन शुरू कर दिया है

शिवसेना ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के आंदोलन पर उठाया सवाल, कहा- मराठी भाषा की मांग शिवसेना की थी
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मुंबई। महाराष्ट्र में बैंकों के सारे कामकाज मराठी में किए जाने की मांग को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने मुंबई में आंदोलन शुरू कर दिया है। इस आंदोलन के पीछे पार्टी प्रमुख राज ठाकरे का नेतृत्व है, जो राज्य में मराठी भाषा को बढ़ावा देने की बात कर रहे हैं। इस पर शिवसेना के एमएलसी कृपाल तुमाने ने कहा कि यह विचार शिवसेना का था, जिसे मनसे ने केवल चुराया है।

कृपाल तुमाने ने कहा, "महाराष्ट्र मराठी लोगों का राज्य है, और देश के सभी राज्यों में स्थानीय भाषा में कामकाज होने की सबसे पहले मांग शिवसेना ने की थी।" उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना ने हमेशा ही इस बात की मांग की है कि राज्य के सभी कामकाज मराठी में ही हों। उनका कहना था कि शिवसेना की यह सतत मांग रही है कि न केवल राज्य सरकार के कामकाज, बल्कि केंद्र सरकार के कामकाज भी मराठी में होने चाहिए। उनका यह भी मानना है कि दुकानों और ऑफिसों में लगे बोर्ड भी मराठी में होने चाहिए।

कृपाल तुमाने ने आगे कहा कि शिवसेना ने हमेशा ही महाराष्ट्र में मराठी भाषा को बढ़ावा देने का कार्य किया है और यह उनका मुख्य उद्देश्य रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि अब कुछ लोग इस काम को चुराने की कोशिश कर रहे हैं। शिवसेना के नेता का कहना है कि मराठी भाषा को बढ़ावा देने की दिशा में किए गए कार्यों को अब मनसे अपनी उपलब्धि के रूप में प्रस्तुत कर रही है, जबकि यह विचार शिवसेना का था।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शिवसेना ने हमेशा मराठी भाषा के महत्व को समझा और इसे प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। उनका मानना है कि इस प्रकार के आंदोलन और विचार शिवसेना के ही थे, और इसे किसी और पार्टी द्वारा उठाना केवल उनकी नकल करना है।


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