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शिवसेना को किसी की जरूरत नहीं, किसी का उद्धव ठाकरे से भरोसा उठ गया तो उसका स्वागत : संजय निरूपम

महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर उथल-पुथल मच गई है। ‘ऑपरेशन टाइगर’ को लेकर राज्य की राजनीति में चर्चा तेज हो गई है

शिवसेना को किसी की जरूरत नहीं, किसी का उद्धव ठाकरे से भरोसा उठ गया तो उसका स्वागत : संजय निरूपम
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मुंबई। महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर उथल-पुथल मच गई है। ‘ऑपरेशन टाइगर’ को लेकर राज्य की राजनीति में चर्चा तेज हो गई है। शिवसेना के वरिष्ठ नेता उदय सामंत ने दावा किया है कि शिवसेना (यूबीटी) के कई विधायक और सांसद शिंदे गुट के संपर्क में हैं और जल्द ही पार्टी में बड़ी फूट पड़ सकती है। इस पर शिवसेना नेता संजय निरूपम ने भी प्रतिक्रिया दी है।

संजय निरूपम से शुक्रवार को आईएएनएस ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया मांगी और पूछा कि क्या महाराष्ट्र में सच में ‘ऑपरेशन टाइगर’ चल रहा है और उद्धव ठाकरे गुट के कितने सांसद शिंदे गुट के संपर्क में हैं? इस पर संजय निरूपम ने स्पष्ट किया कि शिवसेना को किसी नए विधायक, सांसद या नेता की जरूरत नहीं है। उनकी पार्टी पूरी तरह से संगठित और मजबूत है।

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अगर उद्धव ठाकरे गुट के किसी विधायक या सांसद का अब उनके नेतृत्व में विश्वास नहीं रह गया है और वे शिंदे गुट की विचारधारा को अपनाना चाहते हैं, तो उनका स्वागत है। उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना जबरदस्ती किसी को पार्टी में शामिल करने की कोशिश नहीं कर रही है, लेकिन अगर कोई स्वेच्छा से आना चाहता है, तो वे उसे स्वीकार करेंगे।

महाराष्ट्र की राजनीति में पहले भी बड़े उलटफेर हो चुके हैं। पिछले दो साल में कई नेताओं ने अपना पाला बदला है। साल 2022 में एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद शिवसेना में भारी फूट पड़ी थी, जिसके बाद शिवसेना दो गुटों में बंट गई थी। अब एक बार फिर राज्य में राजनीतिक बदलाव के कयास लगाए जा रहे हैं। उद्धव ठाकरे गुट के कुछ विधायक और सांसद वाकई शिंदे गुट में शामिल होंगे या यह सिर्फ एक राजनीतिक बयानबाजी है, यह आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा।


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