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शिवसेना (यूबीटी) को झटका, पूर्व विधायक अपने साथियों के साथ पार्टी छोड़ शिंदे गुट में शामिल

महायुति शासित महाराष्ट्र में ऑपरेशन टाइगर जारी है। गुरुवार को पूर्व विधायक एवं शिवसेना (यूबीटी) के नेता सुजीत मिणचेकर अपने कई साथियों के साथ उद्धव ठाकरे का साथ छोड़कर शिवसेना (शिंदे गुट) का दामन थाम लिया

शिवसेना (यूबीटी) को झटका, पूर्व विधायक अपने साथियों के साथ पार्टी छोड़ शिंदे गुट में शामिल
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मुंबई। महायुति शासित महाराष्ट्र में ऑपरेशन टाइगर जारी है। गुरुवार को पूर्व विधायक एवं शिवसेना (यूबीटी) के नेता सुजीत मिणचेकर अपने कई साथियों के साथ उद्धव ठाकरे का साथ छोड़कर शिवसेना (शिंदे गुट) का दामन थाम लिया।

शिवसेना (शिंदे गुट) के प्रमुख एवं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पार्टी का पटका पहनाकर सुजीत मिणचेकर का स्वागत किया। इस दौरान मिणचेकर ने शिवसेना (यूबीटी) पर आरोप लगाया कि पार्टी में विधायकों और नेताओं की कोई इज्जत नहीं करता। कोई किसी को नहीं पूछता, इसलिए उन्होंने एकनाथ शिंदे के साथ जाने का फैसला किया। वो अपने तमाम कार्यकर्ताओं के साथ शिंदे गुट में शामिल हुए।

शिवसेना (शिंदे गुट) का दामन थामने के बाद सुजीत मिणचेकर ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से कहा, "मैं हातकणंगले तालुके से 10 साल तक विधायक रहा, जिसका मतलब है कि वहां पर शिवसेना बहुत मजबूत थी। जब मैं एकनाथ शिंदे का साथ देने का फैसला किया है, तो मेरे साथ करीब 80 प्रतिशत शिवसेना के लोग यहां पर आए हुए हैं। अगर मेरे साथ इतने लोग यहां आए हुए हैं, तो लोग पहचान सकते हैं कि हमारे तालुके की क्या स्थिति रही होगी।"

उन्होंने दावा किया कि "आज हातकणंगले तालुके में शिवसेना (शिंदे) गुट और मजबूती के साथ खड़ी हो जाएगी। हमारे सांसद धैर्यशील संभाजीराव माने हैं। हम उनकी ताकत को और बढ़ाएंगे। इस पर किसी को कोई संदेह नहीं करना चाहिए।"

उन्होंने बताया कि "2019 में मैं विधायक नहीं था, लेकिन 2024 में पूरा भरोसा था कि उनको महाविकास अघाड़ी की तरफ से उम्मीदवार बनाया जाएगा, लेकिन वहां पर कांग्रेस उम्‍मीदवार को उतारा गया और मुझे साइड लाइन किया गया। मेरे जैसा कार्यकर्ता दिन-रात पार्टी के लिए काम किया। वहां पर शिवसेना मजबूत पार्टी थी, लेकिन मेरे साथ अन्याय हुआ। इसके बाद भी मुझे लगा वो मेरे बारे में सोचेंगे, लेकिन किसी ने कुछ नहीं पूछा। वहीं, शिवसेना (शिंदे) से धैर्यशील माने और उदय सामंत ने मुझे अपनी पार्टी में शामिल होने और सम्मान देने की बात कही, जिसके बाद मैंने शिंदे साहब से बात कर ये फैसला लिया। आज मुझे लग रहा है कि मैं घर में वापस आ गया है।"


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