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ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सेमीकंडक्टर-विनिर्माण रहेगा प्रमुख आकर्षण : सीएम मोहन यादव

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को कहा कि राजधानी भोपाल में इस महीने आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 में सेमीकंडक्टर एक महत्वपूर्ण सेक्टर रहेगा

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सेमीकंडक्टर-विनिर्माण रहेगा प्रमुख आकर्षण : सीएम मोहन यादव
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भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को कहा कि राजधानी भोपाल में इस महीने आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 में सेमीकंडक्टर एक महत्वपूर्ण सेक्टर रहेगा।

सीएम यादव ने कहा कि इस सम्मेलन की अहमियत को देखते हुए राज्य मंत्रिपरिषद ने "मध्य प्रदेश सेमीकंडक्टर पॉलिसी-2025" को मंजूरी दी है। इस नीति के लागू होने से सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के क्षेत्र में राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश की संभावनाएं बढ़ गई हैं। सम्मेलन में शामिल होने वाले निवेशकों के बीच इस सेक्टर को लेकर उत्साह और रुचि देखी जा रही है, जिससे राज्य में अधिक से अधिक निवेश आकर्षित होने की उम्मीद है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नीति से राज्य में इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित एक स्थायी ईको-सिस्टम स्थापित किया जा सकेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन देश को सेमीकंडक्टर डिजाइन, निर्माण और तकनीकी विकास के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री का मानना है कि भारत का सेमीकंडक्टर क्षेत्र एक क्रांति की कगार पर है। उनका लक्ष्य है कि इलेक्ट्रॉनिक और सेमीकंडक्टर्स का शत-प्रतिशत निर्माण भारत में ही किया जाए।

मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि सेमीकंडक्टर नीति से प्रधानमंत्री मोदी के लक्ष्य की प्राप्ति में मध्य प्रदेश महत्वपूर्ण योगदान दे सकेगा। यह नीति राज्य को सेमीकंडक्टर विनिर्माण के क्षेत्र में आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जो घरेलू और विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने में मदद करेगी और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में नेतृत्व करने के अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर नीति के अंतर्गत निवेशकों के लिए पूंजी निवेश अनुदान दिया जाएगा। राज्य सरकार गैर-सरकारी अनुमोदित परियोजनाओं के लिए कंपनियों को 40 प्रतिशत (अधिकतम 150 करोड़ रुपये) तक पूंजी निवेश अनुदान देगी। कंपनियों को रियायती दरों पर भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही, पहले 10 साल के लिए दो रुपये प्रति यूनिट बिजली टैरिफ सब्सिडी भी दी जाएगी। इससे संचालन लागत कम होगी और निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। इसमें 400 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए सहयोग, कर में छूट और कुछ अतिरिक्त वित्तीय सहायताएं भी दी जाएंगी।

सेमीकंडक्टर नीति से प्रदेश में अगले पांच साल में 2,700 करोड़ रुपये का निवेश आने की आशा है। इससे 3,782 करोड़ रुपये निर्यात और 1,702 करोड़ रुपये स्टेट जीएसटी राजस्व से प्राप्त होंगे। साथ ही बड़ी संख्या में रोजगार सृजन होगा।

मध्य प्रदेश सेमीकंडक्टर पॉलिसी-2025 में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे सरकारी निकायों, शैक्षणिक संस्थानों तथा निजी क्षेत्र के बीच सहयोग बढ़ेगा। साथ ही प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को भी प्रोत्साहन मिलेगा। इसके फलस्वरूप वैश्विक विशेषज्ञता और तकनीक को मध्य प्रदेश में लाया जा सकेगा।


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