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संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 नवंबर को 500 जिलों में 'चेतावनी रैली' का किया ऐलान

संयुक्त किसान मोर्चा ने फैसला लिया है कि 26 नवंबर को देशभर के 500 जिलों में 'चेतावनी रैली' का आयोजन किया जाएगा

संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 नवंबर को 500 जिलों में चेतावनी रैली का किया ऐलान
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नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा ने गुरुवार को फैसला लिया है कि 26 नवंबर को देशभर के 500 जिलों में 'चेतावनी रैली' का आयोजन किया जाएगा। किसान मोर्चा की आम सभा की बैठक में यह फैसला लिया गया है।

संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक एनडीए-3 सरकार को सभी फसलों के लिए गारंटीकृत खरीद के साथ एमएसपी लागू करने, कर्ज से मुक्ति और किसानों की आत्महत्या को समाप्त करने के लिए कर्ज माफी, बिजली का निजीकरण न करने और प्रीपेड स्मार्ट मीटर न लगाने, सार्वजनिक क्षेत्र में व्यापक फसल बीमा, 10 हजार की मासिक पेंशन और कॉरपोरेट द्वारा भूमि हड़पने को समाप्त करने के लिए 26 नवंबर को देशभर के 500 जिलों में चेतावनी रैली होगी।

इस आम सभा ने पूरे देश के किसानों से 26 नवंबर को जिला मुख्यालयों पर चेतावनी रैली में शामिल होने का आह्वान किया है। यह रैली साल 2020 में किसानों के संसद मार्च और मजदूरों की आम हड़ताल की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित की जाएगी। यह रैली केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच, अन्य ट्रेड यूनियन संगठनों और खेत मजदूर संगठनों के मंच के साथ मिलकर आयोजित की जाएगी।

मोर्चा को उम्मीद है कि रैली देश भर के लगभग 500 जिलों में आयोजित की जाएगी। इस रैली के जरिए किसानों की मांगों के अलावा मजदूरों, खेत मजदूरों और बंटाईदार किसानों की मांगों को भी उठाया जाएगा। किसानों से बड़ी संख्या में शामिल होकर देशव्यापी रैली को यादगार बनाने की अपील की गई है। यह रैली कृषि क्षेत्र को कॉरपोरेट बनाने के खिलाफ आयोजित की जा रही है और 6 प्रमुख मांगों को पूरा करने की मांग के लिए है।

इन मांगों में सभी फसलों के लिए कानूनी रूप से गारंटीकृत खरीद के साथ एमएसपी सी-2+50 प्रतिशत, किसानों की आत्महत्या को रोकने के लिए एक सर्वसमावेशी ऋण माफी योजना और ऋणग्रस्तता से मुक्ति, बिजली क्षेत्र का निजीकरण न हो, कोई प्रीपेड स्मार्ट मीटर न लगाए जाएं, कॉरपोरेट कंपनियों के लिए अंधाधुंध भूमि अधिग्रहण बंद हो, फसलों और पशुपालन के लिए सार्वजनिक क्षेत्र में व्यापक बीमा योजना लागू की जाए शामिल हैं। इसके साथ ही 10 हजार मासिक पेंशन लागू करने की भी मांग शामिल है।


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