Top
Begin typing your search above and press return to search.

संबित पात्रा ने कांग्रेस पर संसद नहीं चलने देने का आरोप लगाया

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं लोकसभा सांसद डॉ संबित पात्रा ने बुधवार को कांग्रेस पर संसद नहीं चलने देने का आरोप लगाया है

संबित पात्रा ने कांग्रेस पर संसद नहीं चलने देने का आरोप लगाया
X

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं लोकसभा सांसद डॉ संबित पात्रा ने बुधवार को कांग्रेस पर संसद नहीं चलने देने का आरोप लगाया है।

भाजपा नेता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस की आदत रही है कि वह नौटंकी करती है और झूठ फैलाती है। वे अपनी हताशा के कारण संसद को चलने नहीं देते। विपक्ष की हताशा का असली कारण भारत के संविधान पर चल रही लोकतांत्रिक बहस है।

मुझे बड़ा आश्चर्य हो रहा है की कांग्रेस पार्टी संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन से ही एक भ्रम का वातावरण पूरे हिंदुस्तान में बनाने की कोशिश कर रही है। इसके पीछे एक ही कारण है। कांग्रेस पार्टी ने संविधान पर चर्चा की मांग की थी। कांग्रेस पहले दिन से ही संविधान पर चर्चा चाहती थी। लोकतांत्रिक तरीके से संविधान पर चार दिन चर्चा हुई। दो दिन लोकसभा और दो दिन राज्यसभा में संविधान पर चर्चा हुई।

पात्रा ने जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी समेत कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधते हुए उन पर अपने राजनीतिक लाभ के लिए संविधान से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। उन्होंने आगे कहा, "यह सर्वविदित है कि संविधान से खिलवाड़ करने वाले जवाहर लाल नेहरू थे, और जब इंदिरा गांधी और राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे और सोनिया गांधी शैडो (छाया) प्रधानमंत्री थीं।"

उन्होंने आगे कहा कि यदि बाबा साहेब अंबेडकर के साथ किसी ने ज्यादती की तो वो कांग्रेस पार्टी ने की। उनको लोकसभा में आने तक नहीं दिया। उसका नतीजा आज कांग्रेस पार्टी की हताशा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान हो, चाहें संसद का बंद करना यह सब कुछ कांग्रेस पार्टी की हताशा का नजीता है। लेकिन कांग्रेस पार्टी अपनी हताशा के कारण देश को बंधक नहीं बना सकती। उन्होंने संवैधानिक बहस और राजनीतिक गतिशीलता में कांग्रेस की भूमिका पर भाजपा के रुख को पुष्ट किया।

बता दें कि संबित पात्रा की टिप्पणी सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के बीच चल रही राजनीतिक लड़ाई में ताजा हमला है। भारत के संविधान और उसके ऐतिहासिक संदर्भ को लेकर तनाव बढ़ने के साथ, यह वाकयुद्ध आने वाले दिनों में और भी गहरा होने वाला है। देश देख रहा है कि दोनों दल एक दूसरे पर लगातार हमला कर रहे हैं, जिससे एक तीव्र राजनीतिक टकराव की स्थिति बन रही है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it