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रतन टाटा का जाना झारखंड के लिए विशेष क्षति : निशिकांत दुबे

दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर देशभर में शोक की लहर है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और महाराष्ट्र के दिग्गज कांग्रेस नेता जगताप ने गुरुवार देश के लिए बड़ा नुकसान बताया

रतन टाटा का जाना झारखंड के लिए विशेष क्षति : निशिकांत दुबे
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नई दिल्ली। दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर देशभर में शोक की लहर है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और महाराष्ट्र के दिग्गज कांग्रेस नेता जगताप ने गुरुवार देश के लिए बड़ा नुकसान बताया।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, "रतन टाटा का जाना पूरे देश के लिए क्षति है, लेकिन झारखंड के लिए विशेष क्षति है। उन्होंने अपना काम इंजीनियर के रूप में शुरू किया। उनसे जब भी मुलाकात हुई उन्होंने हमेशा झारखंड के लिए चिंता व्यक्त की है कि वहां पर कैसे रोजगार के अवसर बनाए जाएं, कैसे दूसरा स्टील प्लांट बनाया जा सकता है, टीसीएस को कैसे बनाया जा सकता है और ताज होटल कैसा बनाया जा सकता है।"

भाजपा सांसद ने आगे बताया कि वह हमेशा लोगों की चिंता करते थे। अगर मैंने फोन किया तो उन्होंने उस पर भी टाटा ट्रस्ट के बारे में ही बात की। जब कालाजार और मलेरिया का प्रकोप बढ़ा तो उन्होंने टाटा ट्रस्ट की पूरी टीम को भेजा था। वह मोबाइल फोन यूज नहीं करते थे। सबसे बड़ी बात यह थी, अगर वह मुंबई के अपने घर पर हैं, तो लैंडलाइन का कॉल 99 प्रतिशत वह खुद ही उठाते थे।

कांग्रेस विधायक एवं मुंबई के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जगताप ने आईएएनएस से बात करते हुए रतन टाटा के जाने पर दुख जाहिर किया। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद यहां एक सुई भी नहीं बनती थी, उस समय उन्होंने बड़े सपने के साथ देश की इंडस्ट्री चलाने की ठान ली। वह कभी भी अपने सिद्धांतों से हटे नहीं। उनको जो भी फायदा होता था, उसका बहुत सारा हिस्सा उन्होंने देश की सेवा में वापस इन्वेस्ट किया। चाहे वह कोविड हो, शिक्षा हो, बच्चों की परवरिश हो। उन्होंने जो काम किया, शायद ही किसी उद्योगपति ने किया हो।

रतन टाटा को भारत रत्न देने के सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा हम पिछले कई साल से उनको भारत रत्न देने की बात कर रहे हैं, लेकिन इसमें कुछ लोग बेवजह राजनीति कर रहे हैं। अगर उनको जीवित रहते भारत रत्न दिया जाता, तो उसका अलग ही प्रभाव होता। लेकिन कम से कम आज अगर उनको भारत रत्न दिया जाता है तो यह देश की 140 करोड़ जनता के दिल बात होगी। भारत ने अपना एक रत्न खो दिया है।


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