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रांची : 11 से 25 जनवरी तक 'संविधान गौरव अभियान' चलाएगी भाजपा

संविधान की रचना में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान और उनके संघर्ष से जन-जन को अवगत कराने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य में 11 से 25 जनवरी तक 'संविधान गौरव अभियान' चलाएगी

रांची : 11 से 25 जनवरी तक संविधान गौरव अभियान चलाएगी भाजपा
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रांची। संविधान की रचना में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान और उनके संघर्ष से जन-जन को अवगत कराने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य में 11 से 25 जनवरी तक 'संविधान गौरव अभियान' चलाएगी। यह जानकारी झारखंड भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं झारखंड विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने सोमवार को प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।

उन्होंने बताया कि इस अभियान के लिए पार्टी ने उन्हें प्रदेश संयोजक बनाया है, जबकि प्रदेश मंत्री नंदजी प्रसाद और राकेश भाष्कर अभियान के सह संयोजक बनाए गए हैं।

बाउरी ने कहा कि बाबा साहेब के साथ कांग्रेस के नेतृत्व ने जिस तरह का छल किया था और उनके खिलाफ जितने प्रपंच रचे थे, उससे जुड़े प्रसंगों से भी लोगों को अवगत कराया जाएगा। सभी जिलों और मंडलों में भाजपा के कार्यकर्ता इस अभियान में भाग लेंगे।

भाजपा नेता ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर ने जिस महान संविधान की रचना की, उसी की बदौलत आज देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर देश की एक आदिवासी महिला विराजमान हैं, वहीं चाय बेचने वाला एक साधारण परिवार का बेटा प्रधानमंत्री बनकर जनसेवा कर रहा है।

उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के नाम पर राजनीति करने वाली कांग्रेस की सरकारों ने जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी को उनके जीवित रहते भारत रत्न की उपाधि दे दी। लेकिन, बाबा साहेब को इस सम्मान से वंचित रखा। इतना ही नहीं, कांग्रेस की हुकूमत ने मरणोपरांत उन्हें नई दिल्ली में दो गज जमीन नसीब नहीं होने दी।

उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने कश्मीर में धारा-370 का भी विरोध किया था। ऐसी कई घटनाएं और प्रसंग हैं, जिन्हें आम जनता के बीच पहुंचाया जाना चाहिए। इसी उद्देश्य से भाजपा ने पूरे देश में विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है। बाबा साहेब के सर्वसमावेशी विचार आज भी समाज में सभी स्तरों तक नहीं पहुंचाए जा सके हैं।

उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार कहने को 'मंईयां सम्मान योजना' चला रही है, लेकिन इसकी एक बड़ी कीमत जनता को चुकानी पड़ रही है। राज्य में वृद्ध, विधवा और दिव्यांगों को मिलने वाली पेंशन उनके खाते में नहीं जा रही है। सरकार को इस मामले पर खेद प्रकट करना चाहिए।


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