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शिमला के राहुल ने किया कमाल, बिना कोचिंग एचएएस परीक्षा पास कर बने तहसीलदार

हिमाचल प्रदेश के शिमला के चौपाल क्षेत्र के रहने वाले राहुल शर्मा ने बिना किसी कोचिंग के एचएएस (हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा) की परीक्षा पास कर तहसीलदार बनने का मुकाम हासिल किया

शिमला के राहुल ने किया कमाल, बिना कोचिंग एचएएस परीक्षा पास कर बने तहसीलदार
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शिमला। हिमाचल प्रदेश के शिमला के चौपाल क्षेत्र के रहने वाले राहुल शर्मा ने बिना किसी कोचिंग के एचएएस (हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा) की परीक्षा पास कर तहसीलदार बनने का मुकाम हासिल किया। हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा घोषित एचएएस परीक्षा के परिणाम में राहुल शर्मा ने छठवीं वीं रैंक प्राप्त की है। उन्होंने यह सफलता चौथे प्रयास में प्राप्त की।

राहुल शर्मा एक सामान्य किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जीवन की कठिनाइयों को पार करते हुए उन्होंने यह सफलता प्राप्त की। इससे पहले राहुल को तीन बार निराशा हाथ लगी थी, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और चौथे प्रयास में वह सफल हुए। राहुल ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए बताया कि उन्होंने किसी भी प्रकार की कोचिंग नहीं ली थी, बल्कि अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से यह परीक्षा पास की।

आईएएनएस से बात करते हुए राहुल शर्मा ने कहा कि यह मुकाम हासिल करने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा और रात दिन मेहनत करने के बाद सफलता मिली। तीन बार परीक्षा में असफल होने के बाद मैं निराश जरूर हुआ, लेकिन मैंने हार नहीं मानी और लगातार मेहनत करता रहा। इसका श्रेय मैं अपने माता-पिता और दोस्तों को देता हूं, जिन्होंने मुझे हमेशा मोटिवेट किया। यह यात्रा बहुत ही चुनौतीपूर्ण रही है। चौथे प्रयास में इस यात्रा ने मुझे बहुत कुछ सिखाया और कई चीजों में सुधार किया। मैं यह अनुभव दूसरों के साथ शेयर करूंगा, ताकि वे भी सफलता हास‍िल कर सकें। मैं एक मध्यमवर्गीय परिवार से आता हूं, मेरे पिता किसान हैं और मां गृहिणी हैं। यह यात्रा हमें मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करती है, और हमें अपने आत्मविश्वास को बनाए रखते हुए संघर्ष करना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि तैयारी के दौरान मैंने सभी प्रमुख किताबों से पढ़ाई की, लेकिन हाल के दिनों में एचएएस परीक्षा का पैटर्न यूपीएससी के समान हो गया है। इस बदलाव के कारण वर्तमान घटनाओं और अतिरिक्त जानकारी पर ध्यान देना जरूरी हो गया है।

राहुल ने कहा कि इस परीक्षा में प्री व मेंस के बाद 30 उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया और अंततः 20 उम्मीदवारों को चयनित किया गया। राहुल ने बताया कि पिछले साल उनके अंक अच्छे थे, लेकिन हिंदी विषय में वह असफल हो गए थे। लेक‍िन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और खुद पर विश्वास बनाए रखा।

उन्होंने कहा कि जो लोग परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें हार नहीं माननी चाहिए। यह यात्रा लंबी और कठिन हो सकती है, लेकिन अगर आप खुद पर विश्वास रखते हैं और मेहनत करते रहते हैं, तो सफलता जरूर मिलेगी।


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