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जंतर मंतर पहुंचे राहुल-अखिलेश, यूजीसी ड्राफ्ट के नए नियमों का किया विरोध

विपक्ष ने यूजीसी के नए मसौदा नियमों का विरोध किया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने दिल्ली के जंतर मंतर पहुंचकर इस ड्राफ्ट का विरोध किया। इस मौके पर राहुल ने बीजेपी और आरएसएस पर देश भर में एक एजेंडा थोपने का इल्ज़ाम लगाया

जंतर मंतर पहुंचे राहुल-अखिलेश, यूजीसी ड्राफ्ट के नए नियमों का किया विरोध
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नई दिल्ली। विपक्ष ने यूजीसी के नए मसौदा नियमों का विरोध किया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने दिल्ली के जंतर मंतर पहुंचकर इस ड्राफ्ट का विरोध किया। इस मौके पर राहुल ने बीजेपी और आरएसएस पर देश भर में एक एजेंडा थोपने का इल्ज़ाम लगाया।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दिल्ली के जंतर मंतर पर यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन यानी यूजीसी के नए मसौदा नियमों का विरोध किया। उन्होंने कहा कि भाजपा देशभर में आरएसएस का एजेंडा चलाना चाहती है। वो सभी पर एक विचार, एक इतिहास, और एक भाषा थोपना चाहते है। राहुल ने कहा, 'आरएसएस का मकसद देश की अलग-अलग संस्कृतियों और इतिहासों को खत्म करना है। वे संविधान पर हमला करके अपने विचार को थोपना चाहते हैं।'

कांग्रेस ने यूजीसी के नए नियमों को तानाशाही और संविधान विरोध बताया और इन्हें तुरंत वापस लेने की मांग की। दरअसल, डीएमके ने दिल्ली के जंतर मंतर में यूजीसी के नए नियमों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में राहुल गांधी के साथ अखिलेश यादव और तमाम विपक्षी नेता शामिल हुए। दरअसल यूजीसी ने 6 जनवरी को यूनिवर्सिटीज़ और कॉलेजों में वाइस चांसलर, टीचर्स और अकैडमिक स्टाफ भर्ती को लेकर ड्रॉफ्ट रेगुलेशंस जारी किए थे। इस ड्राफ्ट के मुताबिक, स्टेट यूनिवर्सिटीज़ में कुलपतियों की नियुक्ति में चांसलर को अधिक शक्तियां दी जाएंगी. ये कदम राज्यों के अधिकार और संघवाद पर सवाल खड़े कर रहा है। इसकी एक वजह है कि चांसलर अक्सर राज्यपाल होते हैं..और राज्यपाल केंद्र सरकार के प्रतिनिधि होते हैं.. इसी वजह से विपक्षी पार्टियां इस ड्राफ्ट के खिलाफ विरोध कर रही हैं।

अब देखना होगा कि विपक्ष के विरोध के बाद केंद्र सरकार इस ड्राफ्ट को वापस लेने का काम करती है या नहीं।


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