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पंजाब : पेंशन की मांग को लेकर रिटायर्ड होमगार्ड्स ने हाइवे किया जाम

पंजाब होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन से जुड़े रिटायर्ड होमगार्ड्स ने पेंशन की मांग को लेकर सोमवार को बठिंडा-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया

पंजाब : पेंशन की मांग को लेकर रिटायर्ड होमगार्ड्स ने हाइवे किया जाम
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संगरूर। पंजाब होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन से जुड़े रिटायर्ड होमगार्ड्स ने पेंशन की मांग को लेकर सोमवार को बठिंडा-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने सड़क के दोनों ओर यातायात को अवरुद्ध कर दिया और अपनी मांगों को लेकर विरोध जताया। उनका कहना था कि जब तक उनकी पेंशन संबंधी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे यहां से नहीं हटेंगे।

रिटायर्ड होमगार्ड्स का कहना है कि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी देश की सेवा में समर्पित कर दी, लेकिन अब जब वे सेवानिवृत्त हो गए हैं, तो उन्हें सरकार की ओर से किसी भी तरह की मदद या पेंशन नहीं मिल रही है। इस स्थिति में उनका जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि वे अपने परिवारों का भरण पोषण कैसे करेंगे और बच्चों को कैसे शिक्षित करेंगे, जबकि पेंशन का कोई ठोस आश्वासन उन्हें नहीं मिल रहा। इन रिटायर्ड होमगार्ड्स का यह आरोप है कि सरकार उनकी सेवा की अहमियत नहीं समझ रही और उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है।

पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए यातायात को अन्य दिशाओं से डायवर्ट कर दिया, ताकि लोगों को जाम की स्थिति से राहत मिल सके। प्रदर्शनकारियों ने साफ कर दिया कि जब तक उनकी पेंशन से संबंधित मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक यह विरोध जारी रहेगा।

पंजाब होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष सलामुद्दीन ने बताया कि कई होमगार्ड जवानों ने 35 से 40 साल तक अपनी सेवा दी है। उन्होंने कहा कि 2018 में सोलगीर टोल प्लाजा पर कई जवानों की मृत्यु हुई थी, और उसके बाद भी उनकी पेंशन संबंधी मांगें पूरी नहीं हो पाई हैं। सलामुद्दीन ने यह भी कहा कि कई बार वह पंजाब सरकार के मंत्रियों से मिल चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। उन्होंने कहा कि 2015 में सुप्रीम कोर्ट का एक आदेश आया था। यह आदेश अब तक लागू नहीं हो पाया है।

सलामुद्दीन ने कहा क‍ि गवर्नर से लेकर अन्य जिम्मेदार अधिकारियों तक से बार-बार मुलाकातें की गईं, लेकिन उनकी पेंशन के मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि उनका विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार उनकी उचित मांगें पूरी नहीं करती।


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