मणिपुर में राष्ट्रपति शासन विफलता की देर में स्वीकारोक्ति : राहुल
लोकसभा में विपक्ष के नेता तथा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन का निर्णय केंद्र सरकार की विफलता है और देर से की गई उसकी स्वीकारोक्ति है

नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता तथा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन का निर्णय केंद्र सरकार की विफलता है और देर से की गई उसकी स्वीकारोक्ति है।
श्री गांधी ने कहा ''मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करना भाजपा द्वारा मणिपुर में शासन करने में उनकी पूर्ण अक्षमता की देर से स्वीकारोक्ति है। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मणिपुर के लिए अपनी सीधी जिम्मेदारी से इनकार नहीं कर
सकते।''
कांग्रेस नेता ने कहा ''क्या उन्होंने अंततः राज्य का दौरा करने और मणिपुर और भारत के लोगों को शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने की अपनी योजना समझाने का मन बना लिया है।''
कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा ''हिंसा भड़कने के लगभग 2 साल बाद केंद्र ने राष्ट्रपति शासन लगा दिया जब कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाने और विनाशकारी भाजपा सरकार की बर्खास्तगी सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह तैयार थी। जबकि यह युद्ध से तबाह राज्य में आशा की किरण लाता है, यह वही केंद्र सरकार है जिसने पूर्व मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के माध्यम से राजनीति की और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को तैनात करने के बावजूद शांति लाने में विफल रही। इसके लिए केंद्र को नफरत और टकराव की अपनी सामान्य राजनीति से हटना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि वह मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति स्थापित करने के लिए सभी को साथ ले।''
उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे सभी समुदायों के बीच मेल- मिलाप की प्रक्रिया शुरू होगी और मणिपुर को आज जिस संकट का सामना करना पड़ रहा है उससे बाहर निकालने के लिए केंद्र सरकार एक वास्तविक शांति-निर्माण पहल
करेगी।


