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राष्ट्रपति मुर्मू ने पुर्तगाली संसद का किया दौरा , द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर की चर्चा

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को लिस्बन में 'असेम्बलीया दा रिपब्लिका' या पुर्तगाली संसद के अध्यक्ष जोस पेड्रो अगुइर-ब्रैंको से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने विभिन्न द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की। वे इस बात पर सहमत थे कि भारत और पुर्तगाल की संसदों के बीच नियमित आदान-प्रदान से संबंधों को मजबूती मिलेगी

राष्ट्रपति मुर्मू ने पुर्तगाली संसद का किया दौरा , द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर की चर्चा
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लिस्बन। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को लिस्बन में 'असेम्बलीया दा रिपब्लिका' या पुर्तगाली संसद के अध्यक्ष जोस पेड्रो अगुइर-ब्रैंको से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने विभिन्न द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की। वे इस बात पर सहमत थे कि भारत और पुर्तगाल की संसदों के बीच नियमित आदान-प्रदान से संबंधों को मजबूती मिलेगी।

राष्ट्रपति मुर्मू का जोस पेड्रो अगुइर-ब्रैंको ने 'असेंबलिया दा रिपब्लिका' पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। उन्हें औपचारिक 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया गया।

विदेश मंत्रालय ने कहा, "राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 'असेंबलीया दा रिपब्लिका' के अध्यक्ष जोस पेड्रो अगुइर-ब्रैंको के साथ उपयोगी वार्ता की। दोनों पक्षों ने भारत-पुर्तगाल संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। राष्ट्रपति मुर्मू ने भारत-पुर्तगाल संसदीय मैत्री समूह के सदस्यों के साथ बैठक करने के अलावा संसद सदस्यों से भी बातचीत की।"

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिस्बन में ‘सिटी की ऑफ ऑनर’ सम्मान से नवाजा गया। लिस्बन के मेयर कार्लोस मोएदास ने उन्हें यह सम्मान दिया।

इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने लिस्बन के मेयर और लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि लिस्बन अपने खुले विचारों, संस्कृति, सहिष्णुता और विविधता के प्रति सम्मान के लिए जाना जाता है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि लिस्बन एक वैश्विक शहर है जो तकनीकी बदलाव, इनोवेशन, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और डिजिटल संक्रमण के मामले में सबसे आगे है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में भारत और पुर्तगाल आगे भी सहयोग कर सकते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा, "पुर्तगाल एक ऐसा देश है, जिसके साथ हमारे ऐतिहासिक संबंध रहे हैं। भारत और पुर्तगाल के बीच सांस्कृतिक संबंध सदियों से चले आ रहे हैं, और इन्होंने हमारे रोजमर्रा के जीवन पर अमिट छाप छोड़ी है।

राष्ट्रपति मुर्मू पुर्तगाल और स्लोवाक गणराज्य की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा पर हैं। यह 25 से अधिक वर्षों में भारत के राष्ट्रपति की इन देशों की पहली राजकीय यात्रा है। इन यात्राओं से यूरोपीय संघ के दो महत्वपूर्ण भागीदारों के साथ भारत के बहुआयामी संबंधों का और विस्तार होगा।

पुर्तगाल में पिछली राजकीय यात्रा 1998 में हुई थी जब राष्ट्रपति के.आर. नारायणन वहां पहुंचे थे। राष्ट्रपति मुर्मू पुर्तगाल के प्रेसिडेंट मार्सेलो रेबेलो डी सूसा के निमंत्रण पर 7-8 अप्रैल तक पुर्तगाल की राजकीय यात्रा पर हैं।

पुर्तगाल से राष्ट्रपति मुर्मू स्लोवाकिया जाएंगी, जो 29 वर्षों में भारत के किसी राष्ट्रपति की पहली स्लोवाकिया यात्रा होगी।

9-10 अप्रैल की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू स्लोवाकिया के राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी और प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको के साथ चर्चा करेंगी। राष्ट्रपति मुर्मू स्लोवाक गणराज्य की राष्ट्रीय परिषद के अध्यक्ष रिचर्ड रासी से भी मिलेंगी।


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