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महाभारत काल की सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण

केंद्र सरकार देश की सांस्कृतिक विरासत और संस्कृति के संरक्षण हेतु कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है

महाभारत काल की सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार देश की सांस्कृतिक विरासत और संस्कृति के संरक्षण हेतु कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। सरकार के इन्हीं उपायों के अंतर्गत मेरठ के हस्तिनापुर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का एक संरक्षित स्थल है। केंद्र सरकार ने इसे पांच 'विशेष स्थलों' में से एक घोषित किया है।

केंद्रीय संस्‍कृति मंत्रालय का कहना है कि हाल के दिनों में इस क्षेत्र को मुख्य सड़क से जोड़ने वाले फुटपाथों का निर्माण, पार्किंग, भूनिर्माण और आवश्यक सार्वजनिक सुविधाओं जैसे संरक्षण और विकास कार्य किए गए हैं। वहीं, अन्य क्षेत्रों में भी भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति के संरक्षण का प्रयास किया जा रहा है। सांस्कृतिक दस्तावेज़ीकरण, क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए साहित्य अकादमी समेत अन्य संस्थानों का सहयोग लिया जा रहा है।

गौरतलब है कि वर्ष 2021-22 और 2022-23 के दौरान हस्तिनापुर स्थल पर पुरातत्व उत्खनन किया गया। साइट पर एक फोटो प्रदर्शनी और खुदाई से प्राप्त निष्कर्ष भी प्रदर्शित हैं। यहां हुए अतिक्रमणों को भी हटा दिया गया है। मंत्रालय का कहना है कि भारत सरकार पूरे देश में सक्रिय रूप से भारतीय संस्कृति और साहित्य को बढ़ावा देती है।

संस्कृति मंत्रालय ने अपने स्वायत्त निकायों के माध्यम से ग्रामीण और पारंपरिक क्षेत्रों में सांस्कृतिक परंपराओं और साहित्य को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए हैं। यहां साहित्य अकादमी भी 24 मान्यता प्राप्त भाषाओं में भारतीय साहित्य को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

संस्कृति मंत्रालय के मुताबिक अपने नियमित कार्यक्रमों और प्रकाशनों के अलावा, साहित्य अकादमी ने विशेष रूप से ग्रामीण और पारंपरिक क्षेत्रों में साहित्यिक जागरूकता और प्रतिभा को बढ़ाने के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं।

इनमें 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' और 'ग्राम लोक' श्रृंखला उल्लेखनीय हैं। वहीं, सांस्कृतिक संरक्षण और दस्तावेज़ीकरण, क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने, प्रदर्शन कला को बढ़ावा देने और पारंपरिक कला रूपों के विकास पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है।

ग्रामीण और पारंपरिक क्षेत्रों में सांस्कृतिक परंपराओं और साहित्य को बढ़ावा देने के लिए छात्रवृत्ति योजनाएं शुरू की गई हैं। इसके अंतर्गत विभिन्न सांस्कृतिक क्षेत्रों में युवा कलाकारों (एसवाईए) को छात्रवृत्ति प्रदान करने की योजना लागू की गई है। उत्कृष्ट व्यक्तियों को फेलोशिप प्रदान करने के लिए फेलोशिप योजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं बनाई गई हैं।


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