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पीएम मोदी ने एससी-एसटी आरक्षण को दी मजबूती : नित्यानंद राय

भाजपा सांसद नित्यानंद राय ने सोमवार को बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के आरक्षण वाले बयान पर निशाना साधा

पीएम मोदी ने एससी-एसटी आरक्षण को दी मजबूती : नित्यानंद राय
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नई दिल्ली। भाजपा सांसद नित्यानंद राय ने सोमवार को बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के आरक्षण वाले बयान पर निशाना साधा।

नित्यानंद राय ने कहा, "भाजपा ने हमेशा ओबीसी, एससी-एसटी वर्ग के गरीबों के लिए आरक्षण को मजबूती प्रदान करने का काम किया है। आरक्षित पदों को भरा जाए, इसके लिए मोदी सरकार ही काम कर रही है। मोदी सरकार ने ही ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देकर आरक्षण को मजबूत करने का काम किया है।"

रविवार (9 मार्च) को पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान नित्यानंद राय ने कहा था कि बिहार की जनता एनडीए के साथ है। एनडीए का जनाधार बहुत मजबूत और बड़ा है। राजद के नेता जो कुछ कह लें, उससे फर्क नहीं पड़ता है। एनडीए विकास की राजनीति करती है। भाजपा को देश की संस्कृति, परंपरा और विरासत पर विश्वास है। हम सभी जानते हैं कि देश की संस्कृति और संस्कार, विरासत अपने सनातन के आधार पर खड़ा है। राजनीति में इसका विरोध तुष्टिकरण और वोट के लिए किया जाता है। भाजपा रोटी की भी बात करती है और राम की भी बात करती है।

दरअसल, इस साल के अंत में बिहार में विधानसभा के चुनाव हैं और आरजेडी लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और यहां की डबल इंजन सरकार पर हमलावर है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव लगातार आरक्षण के मुद्दे पर नीतीश और एनडीए की सरकार पर आरोप लगा रहे हैं।

तेजस्वी यादव ने 9 मार्च को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने पोस्ट में लिखा, "नीतीश कुमार और भाजपा सरकार ने शिक्षा विभाग के अंतर्गत तीसरे चरण की शिक्षक नियुक्ति में दलितों-आदिवासियों और पिछड़ों-अति पिछड़ों की 8, 222 सरकारी नौकरियां एक दिन में ही चुरा ली। हमारे 17 महीनों के अल्प कार्यकाल में जातिगत गणना के उपरांत दलितों-आदिवासियों और पिछड़ों-अति पिछड़ों के लिए हमारे द्वारा बढ़ाए गए 65 प्रतिशत आरक्षण को भाजपा-एनडीए की केंद्र सरकार ने संविधान की नौवीं अनुसूची में नहीं डाला क्योंकि ये आरक्षण चोर अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को 16 प्रतिशत आरक्षण का सीधा नुकसान कर इन वर्गों की हजारों-लाखों नौकरियां हड़पना चाहते है। इन वर्गों को अपनी नौकरी और अधिकारों के लिए जागरूक और सचेत होना होगा।"


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