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'इमीग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल' पर लगी संसद की मुहर

इमीग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल (आप्रवास और विदेशियों विषयक विधेयक), 2025 को संसद की मंजूरी मिल गई

इमीग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल पर लगी संसद की मुहर
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नई दिल्ली। इमीग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल (आप्रवास और विदेशियों विषयक विधेयक), 2025 को संसद की मंजूरी मिल गई। राज्यसभा में चर्चा के बाद बुधवार को यह विधेयक पारित हो गया। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इसे विचार के लिए सदन में पेश किया था। लोकसभा में इसे पहले ही पारित किया जा चुका है।

विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए नित्यानंद राय ने कहा कि इस विधेयक के पास होने से देश में आने वाले प्रत्येक विदेशी नागरिक का संपूर्ण, व्यवस्थित और एकीकृत लेखा-जोखा रखने का काम होगा। एजेंसियों के बीच समन्वय बढ़ेगा।

उन्होंने कहा कि सरकार विदेशियों को भारत आने से रोक नहीं रही है, हम निगरानी रखने की बात कर रहे हैं, उनका डेटा हमारे पास रहेगा। ऐसे विदेशी जो भारत में रिसर्च, पर्यटन और विकास को बढ़ाने के लिए आएंगे, उनका स्वागत है। गिरफ्तार करने, हटाने एवं ट्रैक करने की शक्तियां भी इस विधेयक में परिभाषित की गई हैं। देश से किसी भी विदेशी को वापस भेजने की शक्ति भी इस कानून में दी गई है।

गृह राज्य मंत्री ने कहा कि जो हमारे देश में आकर हमारे ही देश के खिलाफ गतिविधियों में शामिल होते हैं, क्या उन्हें हटाया नहीं जाएगा। अगर कोई विदेशी यहां पढ़ता है, अस्पताल में दाखिल होता है, तो इसकी सूचना ऑनलाइन देनी है। सूचना तो देनी ही पड़ेगी। कोई कहां रह रहा है, इसका ट्रैक तो होना ही चाहिए। घुसपैठ में काफी कमी आई है। घुसपैठियों को लाने की साजिश सबसे ज्यादा या तो कांग्रेस की सरकार में हुई या फिर अभी पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस की सरकार में हो रही है।

उनके इस कथन के उपरांत सदन में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने इस पर अपनी आपत्ति जताई।

कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने गृह राज्य मंत्री के आरोप की निंदा की। उन्होंने आरोपों को सत्यापित करने की मांग की। इसके बाद भी सदन में हंगामा नहीं रुका और तृणमूल सांसद लगातार नारेबाजी करते रहे।

गृह राज्य मंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल की सरकार सीमा पर कंटीले तार लगाने के लिए जमीन नहीं दे रही है। यदि पश्चिम बंगाल सरकार जमीन दे, तो उसके 24 घंटे के भीतर तार लगाने का काम शुरू हो जाएगा। वे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को परेशान करते हैं। जब देश के लिए नुकसानदायक विषय पर कार्रवाई की जाती है, तो उसमें व्यवधान डाला जाता है।

उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल के लोगों ने वहां अवैध रूप से लोगों के नाम वोटर लिस्ट में डाले हैं और उन्हें आधार कार्ड दिए हैं। ये एकत्र हो जाते हैं और बीएसएफ के काम में दखल देते हैं। इस परिस्थिति में भी हमें सफलता मिली है और मैं दोहरा रहा हूं कि घुसपैठ में कमी आई है और घुसपैठियों को रोका गया है।


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