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‘आप’ सरकार की शराब नीति का 12-13 कंपनियों ने ही उठाया फायदा : संदीप दीक्षित

दिल्ली विधानसभा में सीएजी (कैग) की रिपोर्ट पेश होने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) सत्ता पक्ष और विपक्ष के निशाने पर है। कांग्रेस भी आम आदमी पार्टी से सीएजी रिपोर्ट को लेकर सवाल पूछ रही है। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि कैग रिपोर्ट में जो बातें उठाई गई हैं, वो हम बार-बार कहते आ रहे हैं

‘आप’ सरकार की शराब नीति का 12-13 कंपनियों ने ही उठाया फायदा : संदीप दीक्षित
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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में सीएजी (कैग) की रिपोर्ट पेश होने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) सत्ता पक्ष और विपक्ष के निशाने पर है। कांग्रेस भी आम आदमी पार्टी से सीएजी रिपोर्ट को लेकर सवाल पूछ रही है। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि कैग रिपोर्ट में जो बातें उठाई गई हैं, वो हम बार-बार कहते आ रहे हैं।

न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा, "कैग रिपोर्ट में जो बातें उठाई गई हैं, वो हम बार-बार कहते आ रहे हैं। बात सिर्फ इतनी नहीं है कि ‘आप’ सरकार की पॉलिसी की वजह से कितना नुकसान हुआ। नुकसान हुआ हो या नहीं, सरकार पॉलिसी बना सकती है। मुद्दा ये है कि इसमें कुछ खास बातें हैं। जैसे कि उन्होंने (आप) कहा था कि जितने ज्यादा लोग इसका फायदा उठाएंगे, तो उतना ही कम भ्रष्टाचार होता है। मगर 12-13 कंपनियों ने ही इस पॉलिसी का फायदा उठाया।"

उन्होंने कहा, "नीति बनाने के दौरान कहा गया था कि ज्यादा लोगों को लाया जाएगा, मगर कुछ लोग ही इसमें शामिल हुए, जिसके बाद इनकी (आप) बदमाशी शुरू हुई। हर किसी को दो दुकान देने की बात कही गई थी, लेकिन 54 दुकानें दे दी गई। दिल्ली में एक दुकान साल का एक-दो करोड़ रुपए कमाती है और हिसाब लगाया जाए तो इस नीति के चलते उन्होंने 50 से 60 करोड़ रुपये कमाए। ‘आप’ ने कानूनी तरीके से गैरकानूनी काम करने के लिए लाइसेंस बांटे, जो बहुत बड़ा भ्रष्टाचार है।"

संदीप दीक्षित ने महाकुंभ पर बात करते हुए कहा, "उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ को लेकर जितना दावा विज्ञापन के जरिए किया था, उतना नहीं हुआ है और कहीं न कहीं सवाल तो पूछा ही जाएगा। इतने बड़े आयोजन में दिक्कत होती है और जब परेशानी होती है तो सरकार उसे मानती क्यों नहीं है। कई लोग हताहत भी हुए। मुझे लगता है कि महाकुंभ में इंतजाम तो अच्छा हुआ है, मगर सरकार अपनी गलतियों को नहीं मानती है।"

तेलंगाना सरकार द्वारा स्कूलों में तेलुगू भाषा को मैंडेटरी किए जाने के निर्णय पर संदीप दीक्षित ने कहा, "हर राज्य की अपनी शिक्षा नीति होती है, मैं भी कर्नाटक से पढ़ा हूं। वहां मुझे भी कन्नड़ भाषा सीखनी थी। हालांकि, मेरा मानना है कि किसी पर भी भाषा को थोपना नहीं चाहिए। ये जरूर किया जा सकता है कि अगर किसी को उसी राज्य में नौकरी चाहिए या उसका ज्ञान लेना हो तो वह भाषा सीख सकता है।"


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