Top
Begin typing your search above and press return to search.

भाषा विवाद पर अधीर रंजन चौधरी बोले, तमिलनाडु सरकार के साथ मिलकर केंद्र निकाले समाधान

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पश्चिम बंगाल के बहरामपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि हिंदी को हमारे राज्य की भाषा के रूप में स्वीकार किया गया है

भाषा विवाद पर अधीर रंजन चौधरी बोले, तमिलनाडु सरकार के साथ मिलकर केंद्र निकाले समाधान
X

बहरामपुर। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पश्चिम बंगाल के बहरामपुर में बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि हिंदी को हमारे राज्य की भाषा के रूप में स्वीकार किया गया है। विभिन्न राज्यों की अपनी-अपनी भाषाएं होती हैं, लेकिन क्षेत्रीय भाषाएं कभी खत्म नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि भाषा को लेकर उठे विवाद पर केंद्र को राज्य सरकार के साथ मिलकर उचित कदम उठाना चाहिए।

अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "अगर भाषा को लेकर कोई समस्या उत्पन्न होती है, तो उसे सरकार के साथ चर्चा करके हल किया जाना चाहिए। राज्य सरकार ही इस पर निर्णय लेने और समाधान निकालने में सक्षम है।"

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमारे देश में 22 भाषाओं को मान्यता मिली है। हिंदी को देश में एक आधिकारिक भाषा के तौर पर जाना जाता है। चाहे कोई भी राज्य हो, केंद्र सरकार को प्रदेश सरकार से सलाह लेकर विवाद का हल निकालना चाहिए। उन्होंने तमिलनाडु और केंद्र सरकार के बीच भाषा को लेकर बढ़ते तनाव पर कहा कि दोनों के बीच बातचीत से समाधान निकालना चाहिए। यह देश सबका है और यहां सभी भाषाओं को अहमियत मिलती है।

इससे पहले मंगलवार को पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शुभंकर सरकार ने तमिलनाडु में जारी भाषा विवाद पर कहा था कि मैं तो एक ही किताब जानता हूं- भारत का संविधान। इस संविधान में जो आर्टिकल हैं, उनमें 'फ्रीडम ऑफ स्पीच', 'फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन' और 'यूनिटी इन डाइवर्सिटी' का उल्लेख किया गया है। जिस भाषा को भारत सरकार ने मान्यता दी है, उस पर सभी को ध्यान देना चाहिए। काम की कोई भी भाषा हो सकती है, जो ज्यादा इस्तेमाल होती है उसका महत्व बढ़ जाता है।

बता दें कि तमिलनाडु के डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन ने हाल ही में नई शिक्षा नीति को लेकर बयान दिया था, जिस पर तीखी बहस हुई थी। उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार हिंदी भाषा को जबरदस्ती तमिलनाडु पर थोपने की योजना बना रही है। आरोप लगाया था कि यूपी-बिहार जैसे राज्यों पर हिंदी थोपने की वजह से वहां की मातृभाषा खत्म हो चुकी हैं। केंद्र को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर आप तमिलनाडु पर जबरन हिंदी थोपेंगे तो आपको 'भाषा युद्ध' से होकर गुजरना होगा।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it