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ओबीसी आरक्षण कटौती:कांग्रेस बुधवार को जिला मुख्यालयों में देगी धरना

छत्तीसगढ़ में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण में कटौती के खिलाफ कांग्रेस प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में बुधवार को एक दिवसीय धरना देकर विरोध प्रदर्शन करेगी

ओबीसी आरक्षण कटौती:कांग्रेस बुधवार को जिला मुख्यालयों में देगी धरना
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण में कटौती के खिलाफ कांग्रेस प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में बुधवार को एक दिवसीय धरना देकर विरोध प्रदर्शन करेगी।


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने जानबूझकर प्रदेश में वर्ग संघर्ष फैलाने पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में कटौती करने का षड़यंत्र किया ताकि प्रदेश की बहुसंख्यक आबादी चुनाव लड़ने से वंचित रह जाये। पहले तो कहा गया पिछड़ा वर्ग के लिये 50 प्रतिशत आरक्षण किया जायेगा, जब नियम बनाया तो पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षण शून्य की स्थिति में पहुंच गया। पूरे प्रदेश में जिला पंचायत का एक भी अध्यक्ष पद पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षित नहीं हुआ।


बैज ने कहा,“भाजपाई बेशर्मीपूर्वक कहते हैं कि पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में कांग्रेस भ्रम फैला रही है, तो भाजपा के नेता और सरकार ही बता दे उनके नये आरक्षण प्रावधान में पिछड़ा वर्ग के लिये क्या व्यवस्था हुई है? पिछड़ा वर्ग का पंचायतों में आरक्षण कम क्यों हो गया? एक भी जिला पंचायत अध्यक्ष पद में पिछड़ा वर्ग के लिये क्यो आरक्षण नहीं हुआ? भाजपा प्रदेश के आरक्षित वर्ग में वर्ग संघर्ष करवाने का यह षड़यंत्र रचा है।”


बैज ने कहा है कि बस्तर और सरगुजा संभाग में आरक्षित वर्ग को बड़ा नुकसान है सरगुजा संभाग के पांच जिले अंबिकापुर, बलरामपुर, सूरजपुर, कोरिया, मनेंद्रगढ़, चिरमिरी, भरतपुर सोनहत, बस्तर के सात जिले बस्तर, कांकेर, कोंडागांव, दंतेवाडा, नारायणपुर, सुकमा, बीजापुर सहित मानपुर मोहला, जशपुर, गैरोला पेंड्रा मरवाही, और कोरबा जिले में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कुछ बचा ही नहीं है। इस सरकार के द्वारा स्थानीय निकाय (त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकाय) चुनाव में आरक्षण के प्रावधानों में जो षडयंत्र पूर्वक ओबीसी विरोधी परिवर्तन किया है उसके परिणाम सामने हैं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 के लिए जिला पंचायत, जनपद पंचायत, सरपंच और पांचों के आरक्षण में ओबीसी के हक और अधिकारों में बड़ी डकैती इस सरकार ने की है। त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं में रायपुर जिला पंचायत में 16 क्षेत्रों में से केवल चार ओबीसी के लिए आरक्षित है। बिलासपुर जिले में सदस्यों के 17 में से केवल एक क्षेत्र क्रमांक-1 में ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है, ओबीसी पुरुष के लिए 17 में से एक भी सीट आरक्षित नहीं है।


उन्होंने कहा कि इसी तरह बिलासपुर जिले के चार जनपद पंचायत में दो जनपद पंचायत अध्यक्ष के पद अनुसूचित जाति महिला, एक अनारक्षित महिला और एक जनपद अध्यक्ष का पद अनारक्षित मुक्त रखा गया है। ओबीसी के लिए बिलासपुर जिले के अंतर्गत चार जनपद पंचायतों में से एक भी जनपद पंचायत अध्यक्ष का पद ओबीसी के लिये आरक्षित नहीं है।


बैज ने कहा है कि भाजपा ने पहले तो पिछड़ा वर्ग के साथ अन्याय किया, जब पूरे प्रदेश में सरकार के खिलाफ विरोध हो रहा तब कह रहे कि अनारक्षित वर्ग की आधा सीटों में पिछड़ा वर्ग को लड़ायेंगे। पहले तो पिछड़ों के संवैधानिक अधिकार में डाकार डाला, अब जले पर नमक छिड़क रहे। अनारक्षित सीटों में तो सामान्य, एससी, एसटी, ओबीसी कोई भी लड़ सकता है और जहां पर जैसी परिस्थिति होती है लोग लड़ते भी है, इसमें भाजपा क्या अहसान कर रही? भाजपा का पिछड़ा वर्ग विरोधी चेहरा बेनकाब हो चुका है।


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