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31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद हो जाएगा समाप्त : अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कहना है कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद समाप्त हो जाएगा। उन्होंने राज्यसभा में कहा, "मैं देश को बताना चाहता हूं कि 31 मार्च 2026 तक इस देश से नक्सलवाद समाप्त हो जाएगा। नक्सलवादियों ने समानांतर सरकारें बनाई, समानांतर सरकारें चलाईं। नक्सलवाद को समाप्त करने के पीछे नरेंद्र मोदी सरकार का 10 साल का विजन है

31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद हो जाएगा समाप्त : अमित शाह
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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कहना है कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद समाप्त हो जाएगा। उन्होंने राज्यसभा में कहा, "मैं देश को बताना चाहता हूं कि 31 मार्च 2026 तक इस देश से नक्सलवाद समाप्त हो जाएगा। नक्सलवादियों ने समानांतर सरकारें बनाई, समानांतर सरकारें चलाईं। नक्सलवाद को समाप्त करने के पीछे नरेंद्र मोदी सरकार का 10 साल का विजन है।"

गृह मंत्री शुक्रवार को राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमने नवीनतम टेक्नोलॉजी के साथ नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई की है। इनके हर प्रकार के कम्युनिकेशन और आवाजाही का रेखांकन किया। ड्रोन और सैटेलाइट सर्विलांस किया। डाटा एनालिसिस करके अपने सुरक्षा बलों को लैस किया, जिसके आधार पर सुरक्षा बलों को कामयाबी मिली।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन के मुकाबले अभी नक्सलवाद से जुड़ी हिंसक घटनाएं और सुरक्षाबलों के मारे जाने की संख्या में काफी कमी आई है। कांग्रेस शासनकाल में 126 जिले नक्सलवाद से प्रभावित थे। अब ऐसे केवल 12 जिले बचे हैं। अगले वर्ष 31 मार्च तक ये जिले भी नक्सलवाद से मुक्त हो जाएंगे। पहले नक्सल प्रभावित जिलों में एक भी नाइट लैंडिंग हेलीपैड नहीं थे। सुरक्षा बलों को मजबूती प्रदान करने के लिए ऐसे 68 नाइट लैंडिंग हेलीपैड बनाए गए हैं। नक्सलियों के कई करोड़ रुपए जब्त किए गए हैं। हमने इन इलाकों में विकास के लिए बजट को 300 प्रतिशत तक बढ़ाने का काम किया है। हाईवे बनाए और ग्रामीण सड़कें बनाई हैं। मोबाइल टावर लगाए हैं। पूरा नक्सल एरिया अब मोबाइल कनेक्टिविटी से लैस है।

उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आए परिवर्तन के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में 33 सालों से वहां रात को सिनेमा हॉल नहीं खुलते थे, हमारे शासन में वहां खुले हैं। 34 साल से ताजिया के जुलूस की इजाजत नहीं थी, हमारे शासन में दी गई। जी-20 की बैठक में दुनिया भर के डिप्लोमेट्स वहां शांति से गए। कश्मीर की संस्कृति, खूबसूरती, भोजन और संगीत का अनुभव करके अपने देश लौटे हैं। इस देश में लाल चौक पर तिरंगा फहराने के लिए हम सब गए थे। प्रधानमंत्री और हमारे तत्कालीन अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में कन्याकुमारी से कश्मीर यात्रा निकाली थी। हमें लाल चौक जाने की परमिशन नहीं मिल रही थी। जब जिद की तो सेना की सुरक्षा में वहां जाकर आनन-फानन में ध्वज वंदन करके वापस आना पड़ा। आज उसी लाल चौक पर 'हर घर तिरंगा कार्यक्रम' में एक भी घर ऐसा नहीं था, जहां तिरंगा न हो।

उन्होंने आगे कहा कि श्रीनगर में फॉर्मूला-4 रेसिंग कार का आयोजन हुआ। उसी लाल चौक पर कृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई। मां शारदा देवी के मंदिर में दशकों के बाद दीपावली और सरस्वती पूजन हुआ। खीर भवानी का अष्टमी महोत्सव 22 साल बाद मनाया गया।

इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री ने बताया कि गांवों से सुविधाओं के लिए पलायन हो रहा है। जिस देश के बॉर्डर के गांव खाली हो जाते हैं, उस देश के बॉर्डर कभी सुरक्षित नहीं रह सकते, इसलिए एक नई अप्रोच के साथ पहले जिसे देश का अंतिम गांव कहा जाता था, अब उसे देश का पहला गांव कहा जाता है। मैं दावे से कहता हूं कि सुविधाओं की दृष्टि से भी यह गांव अगले 10 वर्ष में देश के प्रथम गांव होंगे। इसके लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम लाया गया है। इसके अंतर्गत 90 प्रतिशत केंद्र का अनुदान है और 10 प्रतिशत राज्य का हिस्सा है। इस अनुपात में इन गांवों के लिए पैसा दिया जाता है। शुरुआत में 4,800 करोड़ रुपए के आवंटन से हमने 652 गांव को इसमें शामिल किया है। इसमें अरुणाचल प्रदेश के 455, उत्तराखंड के 51, हिमाचल के 75, सिक्किम के 46 और लद्दाख के कई गांव शामिल हैं।


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