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पुंछ के सीमावर्ती लोगों के लिए वरदान बना राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम

गरीबों को नि:शुल्क डायलिसिस सेवाएं प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत 7 अप्रैल, 2016 को शुरू प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम (पीएमएनडीपी) आम लोगों के लिए वरदान बनकर उभरा है

पुंछ के सीमावर्ती लोगों के लिए वरदान बना राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम
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पुंछ। गरीबों को नि:शुल्क डायलिसिस सेवाएं प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत 7 अप्रैल, 2016 को शुरू प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम (पीएमएनडीपी) आम लोगों के लिए वरदान बनकर उभरा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से गरीबी रेखा से ऊपर के लोगों को भी रियायती दरों पर डायलिसिस सेवाओं का लाभ उठाने का प्रावधान किया गया था। जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में स्थित राजा सुखदेव सिंह जिला अस्पताल में पीएमएनडीपी के तहत स्थापित डायलिसिस यूनिट दूरदराज और भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा से सटे इलाके के किडनी रोगियों के लिए एक वरदान साबित हो रही है।

पहले जहां पुंछ जिले के किडनी रोगियों को डायलिसिस के लिए चंडीगढ़, दिल्ली, जम्मू या श्रीनगर जैसे बड़े शहरों का रुख करना पड़ता था, वहीं अब उन्हें बिना किसी खर्चे के जिला अस्पताल में ही डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध हो रही है।

इस सुविधा का लाभ बड़ी संख्‍या में किडनी रोगी उठा रहे हैं, जिन्हें समय और पैसे की बचत हो रही है। पहले मरीजों को लंबी यात्रा करनी पड़ती थी, इससे न केवल उन्हें शारीरिक कष्ट होता था, बल्कि यात्रा के दौरान भारी खर्च भी उठाना पड़ता था। अब इस यूनिट के माध्यम से, खासकर उन रोगियों को राहत मिली है, जो सीमावर्ती और दुर्गम क्षेत्रों में रहते हैं।

अपनी पत्नी सकीना बेगम की डायलिसिस कराने सुखदेव सिंह जिला अस्पताल आए स्थानीय निवासी लाल हुसैन ने बताया, "मुझे अपनी पत्नी का डायलिसिस कराते हुए दो साल हो चुके हैं, और हमें श्रीनगर या जम्मू जाना पड़ता था। हम प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा करते हैं कि इस योजना की वजह से हमें न केवल भागदौड़ से बचने का मौका मिला, बल्कि खर्चे की भी बचत हुई है। यहां की सेवा बहुत अच्छी है और काम भी बेहतरीन हो रहा है।”

राजा सुखदेव सिंह जिला अस्पताल की मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. नुसरत उल निशा ने कहा, “इस महीने के अब तक के आंकड़ों के अनुसार, हमने 212 डायलिसिस सत्र पूरे किए हैं, और 39 मरीज ऐसे हैं, जिन्हें सप्ताह में 2 बार डायलिसिस की आवश्यकता होती है। कभी-कभी हमारे समक्ष आपातकालीन परिस्थितियां भी आती हैं, और हमारे स्टाफ ने हमेशा अतिरिक्त समय निकालकर 24 घंटे, चाहे वह रात हो, मध्यरात्रि हो, या कोई और समय, मरीजों की जरूरत के हिसाब से सेवा प्रदान की है। कुछ साल पहले तक लोग डायलिसिस कराने के लिए चंडीगढ़, जम्मू, दिल्ली या अन्य स्थानों पर जाते थे, लेकिन अब यहां यह सुविधा उपलब्ध है और वो भी मुफ्त में। हमारा स्टाफ हर दिन सेवा प्रदान करता है, जो हमेशा मरीजों की सहायता के लिए तत्पर रहता है।”


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