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नागपुर आरएसएस का गढ़, वहां हिंदू खतरे में कैसे, मुख्यमंत्री बताएं हिंसा के पीछे कौन : उद्धव ठाकरे

शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नागपुर हिंसा को लेकर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने राज्य की डबल इंजन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "मैं मुख्यमंत्री नहीं हूं, न ही गृह मंत्री हूं, मुख्यमंत्री से पूछिए कि हिंसा के पीछे कौन है

नागपुर आरएसएस का गढ़, वहां हिंदू खतरे में कैसे, मुख्यमंत्री बताएं हिंसा के पीछे कौन : उद्धव ठाकरे
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मुंबई। शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नागपुर हिंसा को लेकर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने राज्य की डबल इंजन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "मैं मुख्यमंत्री नहीं हूं, न ही गृह मंत्री हूं, मुख्यमंत्री से पूछिए कि हिंसा के पीछे कौन है।"

ठाकरे ने इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री और गृह मंत्री से जवाब मांगा और कहा कि नागपुर आरएसएस का गढ़ है, वहां हिंदू कैसे खतरे में हो सकते हैं?

उद्धव ठाकरे ने नागपुर हिंसा को सुनियोजित बताते हुए आरोप लगाया कि "अगर यह पहले से तय था, तो गृह मंत्रालय क्या कर रहा था?"

उन्होंने सरकार पर अपनी विफलताओं को छुपाने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

ठाकरे ने बीजेपी से सवाल करते हुए कहा, "आप कहते हैं कि यह साजिश है, तो यह किसकी साजिश है? क्या यह वही साजिश है, जो गुजरात में जन्मे और महाराष्ट्र पर हमला करने वाले औरंगजेब ने की थी?"

उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी से मुझे पूछना है कि हमने आपका हिंदुत्व देखा, अगर आपको हरे झंडे से इतनी परेशानी है तो अपने झंडे से हरा कलर हटा के दिखाए।

साथ ही, उन्होंने उत्तर प्रदेश में बुलडोजर अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि वह वही बुलडोजर नागपुर में भी चलाएं। आप कह रहे हैं कि कब्र हटाना जरूर है, हटा दीजिए लेकिन, नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को भी बुलाइए।

इनके नेताओं के बच्चे दुबई में जाकर मैच देखते हैं। अमित शाह का बेटा हिंदुस्तान पाकिस्तान का मैच ऑर्गेनाइज करता है। वहीं बांग्लादेश में हिंदुओं के ऊपर हो रहे अत्याचार पर ये लोग कुछ बोलने को तैयार नहीं है।

दूसरी तरफ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर हिंसा पर मंगलवार को विधानसभा में बयान दिया। उन्होंने बताया कि यह हिंसा एक अफवाह से शुरू हुई, जिसमें कहा गया था कि एक प्रतीकात्मक कब्र पर रखी चादर पर धार्मिक चिह्न था, जिसे जलाया गया। शाम को यह अफवाह फैली और देखते ही देखते हालात बिगड़ गए, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने आगे बताया कि इस मामले में पांच आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। कानून-व्यवस्था को काबू में करने के लिए 11 थाना क्षेत्रों में लोगों के एकत्र होने पर पाबंदी लगा दी गई है। साथ ही, स्थिति को संभालने के लिए स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स (एसआरपीएफ) की पांच टुकड़ियां तैनात की गई हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस ने तेजी से कदम उठाए और हालात पर काबू पाया।


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