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मोहन भागवत के संबोधन में आरएसएस का दोहरा मापदंड झलक रहा है : कपिल सिब्बल

समाजवादी पार्टी के नेता कपिल सिब्बल ने रविवार को विजयादशमी के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के संबोधन पर तंज कसा

मोहन भागवत के संबोधन में आरएसएस का दोहरा मापदंड झलक रहा है : कपिल सिब्बल
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नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के नेता कपिल सिब्बल ने रविवार को विजयादशमी के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के संबोधन पर तंज कसा।

उन्होंने आरएसएस प्रमुख के संबोधन का जिक्र कर कहा, “मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि इस देश में बंटवारा नहीं होना चाहिए। यहां बहुत सारे संत रहे हैं। यहां बहुत सारी भाषाएं बोली जाती हैं। लेकिन इसे आधार मानकर राष्ट्र का बंटवारा हो, इस स्थिति को हम किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते हैं। यह एक बहुभाषी राष्ट्र है। बिल्कुल, इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि जब तक राष्ट्र में दोस्ताना भावना विकसित नहीं होगी, तब तक वो राष्ट्र प्रगति के पथ पर अग्रसर नहीं हो सकता है।”

कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि भागवत की बातें अच्छी हैं लेकिन शायद आपको यह नहीं पता है कि वह जिस सरकार का समर्थन करते हैं, उसके कार्यकाल में यानी 2014 से लेकर अब तक राष्ट्र में जितना विभाजन हुआ है, उतना शायद ही आज तक हुआ होगा। लेकिन आश्चर्य की बात है कि आज तक मोहन भागवत ने इस पर कुछ नहीं कहा।

उन्होंने कहा, “मैं आरएसएस प्रमुख से पूछना चाहता हूं कि आप लोगों ने आज तक कोई सवाल क्यों नहीं पूछा। कोई किसी को कह रहा है कि पाकिस्तान चले जाओ, देश में लगातार ईसाइयों पर हमले हो रहे हैं, लेकिन यह सरकार कुछ नहीं कर रही है। इस स्थिति में आपका (आरएसएस) दोहरा मापदंड झलक रहा है। एक तरफ आप कहते हैं कि सभी धर्मों के त्योहारों को सम्मान की नजरों से देखा जाना चाहिए, लेकिन दूसरी तरफ आप इस तरह की बातें करते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “आपकी ही सरकार के कुछ लोग ऐसे विवादित बयान देते हैं। ये ऐसे विवादित बयान होते हैं, जिनका मैं जिक्र तक नहीं कर सकता हूं। यह सरकार विवादित है, लेकिन ताज्जुब की बात है कि आज तक आपने इस सरकार के खिलाफ आवाज नहीं उठाई।”

उन्होंने कहा, “हमें आपसे कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन मुझे यह समझ नहीं आ रहा है कि एक तरफ तो आप उनको समर्थन देते हैं और दूसरी तरफ आप विजयादशमी के दिन इस तरह का बयान देते हैं। मैं कहता हूं कि सभी दल को समानता और एकता के साथ मिलकर काम करना चाहिए।


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