मोदी सरकार ने अमेरिका के दबाव में नहीं किया पाकिस्तान के खिलाफ मतदान : कांग्रेस
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि भारत अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की बैठक में पाकिस्तान को ऋण देने से संबंंधित प्रस्ताव पर अमेरिकी दबाव में आकर मतदान से अनुपस्थित रहा जबकि उसे इसका विरोध करते हुए ‘नहीं’ के पक्ष में वोट करना चाहिए था

नई दिल्ली। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि भारत अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की बैठक में पाकिस्तान को ऋण देने से संबंंधित प्रस्ताव पर अमेरिकी दबाव में आकर मतदान से अनुपस्थित रहा जबकि उसे इसका विरोध करते हुए ‘नहीं’ के पक्ष में वोट करना चाहिए था।
कांग्रेस के संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने शनिवार को यहां कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अब पाकिस्तान को 2 अरब डॉलर से अधिक के ऋण को मंजूरी देने के लिए आईएमएफ की आलोचना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पता चला है कि केवल भारत ने ही 9 मई को इस प्रस्ताव से संबंधित मतदान में भाग नहीं लिया और बाद में मोदी सरकार के समर्थकों ने तर्क दिया कि भारत के पास यही एकमात्र विकल्प उपलब्ध था।
उन्होंने कहा कि यह गलत दावा है क्योंकि कार्यकारी बोर्ड में वास्तव में ‘नहीं’ वोट करने का प्रावधान है। रूस ने सितंबर 2016 में यूक्रेन को ऋण प्रस्ताव पर ‘नहीं’ वोट दिया था और भारत ने खुद 11 सितंबर 2005 को जिम्बाब्वे के निष्कासन के मुद्दे पर ‘नहीं’ वोट दिया था।
रमेश ने कहा, “ जहां चाह होती है वहां राह निकल ही आती है। मोदी सरकार 9 मई को आईएमएफ कार्यकारी बोर्ड की बैठक में अमेरिकी दबाव के आगे झुक गई।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मोदी सरकार के जागने से पहले ही उसे 29 अप्रैल को आगाह किया था कि आईएमएफ कार्यकारी बोर्ड इस मुद्दे पर विचार करने के लिए 9 मई को बैठक कर रहा है और भारत को इसका जोरदार विरोध करना चाहिए।


