Top
Begin typing your search above and press return to search.

दुनिया में विविधता बनाए रखने के लिए अल्पसंख्यकों का सम्मान करना होगा : गौरांग दास

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए मुंबई के गिरगांव स्थित इस्कॉन मंदिर में रविवार को प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए

दुनिया में विविधता बनाए रखने के लिए अल्पसंख्यकों का सम्मान करना होगा : गौरांग दास
X

मुंबई। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए मुंबई के गिरगांव स्थित इस्कॉन मंदिर में रविवार को प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए।

इस्कॉन मंदिर से जुड़े गौरांग दास ने कहा है कि प्रार्थना सभा के लिए लगभग तीन हजार लोग यहां एकत्र हुए हैं। हम सभी श्री राधा-कृष्ण और चैतन्य महाप्रभु से बांग्लादेश में भक्तों और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करने आए हैं। बांग्लादेश में श्री कृष्ण भक्त और अल्पसंख्यक समुदायों को संरक्षण मिले, बांग्लादेश में दीर्घकालीन शांति स्थापित हो, इसलिए हम लोगों ने हरि नाम संकीर्तन किया है।

उन्होंने इस्कॉन भक्तों से सोशल मीडिया के माध्यम से कोई ऐसा पोस्ट न करने की अपील की जिससे तनाव की स्थिति पैदा हो। साथ ही उन्होंने लोगों से सुझाव देने के लिए भी कहा है।

हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार पर उन्होंने कहा है कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ देश के कोने-कोने में अत्याचार होते रहे हैं। भगवान भागवत में कहते हैं कि काम, क्रोध और लोभ नरक के द्वार हैं। इसलिए हम लोगों से अपील करते हैं कि अगर विश्व में विविधता बनाई रखनी है तो हमें अल्पसंख्यकों का भी सम्मान करना होगा। भारत में हम देखते हैं कि कितनी विविधता के साथ लोग एक साथ रह रहे हैं। अब तक जो हमने अत्याचार देखा है, वह भविष्य में शून्य हो जाए। सभी समुदायों के लोग शांति, सद्भाव के साथ जीवन जिएं।

उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में जो हालात हैं उसे लेकर इस्कॉन मंदिर का शीर्ष प्रबंधन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के संपर्क में हैं। केंद्र सरकार ने भरोसा दिलाया है कि व्यवस्था को बेहतर करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

गौरांग दास ने कहा कि वैश्विक राजनीतिक मसले कभी-कभी काफी जटिल होते हैं। उन्हें सुलझाने में थोड़ा समय लगता है। हम लोग धैर्य के साथ इस पूरे मामले को देख रहे हैं। बांग्लादेश के हाई कोर्ट में इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने के लिए निवेदन किया गया था जिसे रद्द कर दिया गया है। यह हमारे लिए सकारात्मक चीज है। सनातन धर्म में कहा गया है कि निस्सहाय जरूर हो जाना, लेकिन निराश मत होना।

उन्होंने कहा, "हम लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'एक हैं तो सेफ हैं' नारे का समर्थन करते हैं। सभी हिन्दू एक साथ हैं। अलग-अलग राष्ट्रों में इस्कॉन के 1,100 मंदिर हैं। अधिकांश राष्ट्रों में हम अल्पसंख्यकों में ही हैं। हम लोगों को अल्पसंख्यक परिस्थिति में रहने की आदत है। समाज के उत्थान में हम क्या योगदान दे सकते हैं, हमें इस पर चर्चा करने की जरूरत है। विभिन्न राष्ट्रों में सरकारों ने देखा है कि इस्कॉन शांति के साथ अपना काम कर रहा है। हम आगे भी कार्य करते रहेंगे और सनातन को बढ़ाने के लिए होने वाले कार्यक्रमों का हम समर्थन करेंगे।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it