मिडिल क्लास टैक्स टेररिज्म का शिकार, हम लाए उनके लिए योजनाएं : केजरीवाल
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के लिए अपना एक वीडियो जारी करते हुए उन्हें टैक्स टेररिज्म के बारे में बताया और यह दावा किया कि आम आदमी पार्टी मिडिल क्लास के साथ-साथ गरीबों के लिए भी काम कर रही है

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के लिए अपना एक वीडियो जारी करते हुए उन्हें टैक्स टेररिज्म के बारे में बताया और यह दावा किया कि आम आदमी पार्टी मिडिल क्लास के साथ-साथ गरीबों के लिए भी काम कर रही है।
उन्होंने कहा है कि भारतीय मिडिल क्लास सरकारों के टैक्स टेररिज्म से पीड़ित है। उन्होंने कहा कि मिडिल क्लास को इसी टैक्स टेररिज्म से राहत देने के लिए ही कई जनहितकारी सुविधा मुफ्त दी गई हैं। अरविंद केजरीवाल ने अपने जारी किए वीडियो में कहा कि अन्य पार्टियों के लिए उद्योगपति नोट बैंक हैं और बाकी जनता वोट बैंक है। इस वोट बैंक और नोट बैंक के बीच में एक बहुत बड़ा ऐसा वर्ग है जो पीछे रह गया है।
उन्होंने कहा कि कोई भी भारत के मिडिल क्लास के हित की बात करने को तैयार नहीं है। आजाद भारत के 75 वर्ष में एक के बाद दूसरी पार्टी आई। एक सरकार के बाद दूसरी सरकार आई और इन सब लोगों ने मिडिल क्लास को दबाकर, डराकर और निचोड़कर रखा हुआ है। मिडिल क्लास और सरकार का एक बड़ा अजीब रिश्ता है। मिडिल क्लास के लिए ये लोग कुछ करते तो नहीं हैं, लेकिन जब-जब सरकार को इनकी जरूरत पड़ती है, तब तक मिडिल क्लास के ऊपर सरकार हथियार चला देती है। और यह हथियार है टैक्स। लेकिन बदले में मिडिल क्लास को क्या मिलता है, कुछ नहीं।
उन्होंने कहा कि भारत का मिडिल क्लास सरकार का सिर्फ और सिर्फ एक एटीएम बनकर रह गया। सच बात तो यह है कि इंडियन मिडिल क्लास टैक्स टेररिज्म का विक्टिम है। उन्होंने कहा कि मिडिल क्लास को इतना परेशान किया जाता है कि वो साल में 10 से 12 लाख रुपये कमाता है। तो इनकम टैक्स, जीएसटी, टूल टैक्स, सेल्स टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स, कॉरपोरेट टैक्स, सर्विस टैक्स, रजिस्ट्रेशन टैक्स, कैपिटल गेन टैक्स समेत न जाने कितना टैक्स देना पड़ता है। उसकी 50 प्रतिशत से ज्यादा आमदनी केवल और केवल सरकार को टैक्स देने में चली जाती है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस वजह से बहुत से लोग देश छोड़कर जा रहे हैं। 2020 में 85 हजार भारतीय देश छोड़कर विदेश चले गए और 3 साल बाद आंकड़ा दिखता है कि तीन गुना यानी कि 2,16,219 लोग देश छोड़कर चले गए। यह हमारे देश के लिए बहुत बड़ा नुकसान और दुख की बात है, क्योंकि यह युवा जो हमारे देश का भविष्य बन सकता था, आज किसी और देश का भविष्य बन रहा है। इसलिए हमने सरकार बनते ही एजुकेशन का बजट 5,000 करोड़ से सीधा 10,000 करोड़ कर दिया और आज यह बजट 16,000 करोड़ पर पहुंच गया है। हमने सरकारी स्कूलों को इतना बेहतर बना दिया कि चार लाख बच्चे प्राइवेट स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूल में आ गए। हमने प्राइवेट स्कूलों को फीस बढ़ाने पर कैप लगा दी और हजारों बच्चों को उनकी सालों पुरानी फीस रिफंड करवाई। दिल्ली के अंदर जो पिछले सालों में उन्होंने गलत फीस ले ली थी, कई स्कूलों से हमने फीस रिफंड कराई है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आप लोगों के ही टैक्स के पैसे शिक्षा में इन्वेस्ट करके शिक्षा का बजट बनाकर स्कूल बेहतर करके प्राइवेट स्कूलों की फीस पर कैप लगाकर क्या हमने कोई गुनाह किया है? हमने मिडिल क्लास को महंगाई की मार से बचने के लिए बिजली और पानी के बिल कम कर दिए। आज देश के सभी बड़े शहरों में सबसे सस्ती बिजली दिल्ली वालों को मिलती है और इतना ही नहीं, हमने आपके टैक्स का पैसा इंफ्रास्ट्रक्चर में इन्वेस्ट करके पूरी दिल्ली में बिजली की सप्लाई 24 घंटे कर दी। जबकि 10 साल पहले दिल्ली में 8 से 10 घंटे के पावर कट लगते थे।
केजरीवाल ने कहा, "यह करके मिडिल क्लास को अगर हमें थोड़ी सी राहत पहुंचाई है, तो क्या हमने कोई गुनाह किया है? हमने सरकारी अस्पताल बेहतर बनाए, सरकारी अस्पताल से रेफर मरीज के प्राइवेट अस्पताल जाने पर उसकी सारी सर्जरी फ्री कर दी। हमारे मोहल्ला क्लीनिक की सबसे ज्यादा डिमांड दिल्ली के मिडिल क्लास इलाकों से आती है। तो क्या आपके टैक्स के पैसों से अच्छे अस्पताल और अच्छे मोहल्ला क्लीनिक बनाकर एक आम आदमी को अच्छा इलाज करके हमने कोई गुनाह किया है क्या? हम अपनी सारी योजनाओं से लोगों को लाभ पहुंचाएंगे।


