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मल्लिकार्जुन खड़गे को नामांकन प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया, मुझे दुख है : अजय आलोक

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को वायनाड लोकसभा सीट से उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया

मल्लिकार्जुन खड़गे को नामांकन प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया, मुझे दुख है : अजय आलोक
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नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को वायनाड लोकसभा सीट से उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया। बताया जा रहा है कि नामांकन के दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे को कमरे में घुसने नहीं दिया गया। क्योंकि वायरल वीडियो में खड़गे खिड़की से झांकते नजर आ रहे हैं। इस घटना को लेकर अब बीजेपी कांग्रेस पर निशाना साध रही है। उन्होंने कहा कि खड़गे को नामांकन प्रक्रिया से इसलिए बाहर रखा गया क्योंकि वह दलित हैं।

प्रियंका गांधी वाड्रा के नामांकन के दौरान मल्लिका अर्जुन खड़गे खिड़की से झांकते नजर आए। इस पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय आलोक ने आईएएनएस से कहा कि वे बुजुर्ग हैं। नामांकन के दौरान उन्हें इस तरह बाहर से झांकते देखा गया। यह बेहद शर्मनाक है। 80 साल की उम्र में उन्हें इस हालत में देखकर मुझे दुख होता है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सभी लोग समाजवादी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस को इंडी गठबंधन से भी कुछ नहीं मिला। इस पर अजय आलोक ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश को भाजपा मुक्त करते हुए कांग्रेस मुक्त कर दिया। कांग्रेस पार्टी का क्या होगा, यह कांग्रेस को सोचना चाहिए, हमें इससे कोई मतलब नहीं है।

महाराष्ट्र में चुनाव को लेकर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, 'हमने तय किया है कि कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार गुट) और शिवसेना (यूबीटी) 85-85 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और बाकी 18 सीटों पर हम समाजवादी पार्टी समेत अपने गठबंधन दलों से बात करेंगे और कल तक उन्हें मंजूरी मिल जाएगी।' इस पर अजय आलोक ने कहा कि स्टॉप गैप अरेंजमेंट पर चुनाव नहीं जीते जाते और अगर आपस में सामंजस्य नहीं है, एक दूसरे के बीच सहयोग की भावना नहीं है तो आप लड़ने से पहले ही हार जाते हैं। इस बात के बहुत सारे सबूत हैं कि महा विकास अघाड़ी ने लड़ाई लड़ने से पहले ही हार मान ली है। 85-85 का फॉर्मूला तय हुआ था। 33 सीटें कहां हैं? क्या उनके लिए अलग पार्टी बनाई जाएगी? चुनाव के लिए नामांकन का समय आ गया है। उनके बीच ये सब कन्फ्यूजन है। वे एक दूसरे की टांग काटने की कोशिश करेंगे। वे एक दूसरे को हराने से रोकने के लिए ये सब कोशिश करते रहेंगे।

महबूबा मुफ़्ती ने एक बार फिर पाकिस्तान से बातचीत की पेशकश की है। इस बारे में अजय आलोक ने कहा कि घाटी में पिछले 70 सालों से देखा जा रहा है कि जो विपक्ष में होता है वो पाकिस्तान को गाली देता है, कहता है कि पाकिस्तान सुधर जाए, जो विपक्ष में होता है वो कहता है कि पाकिस्तान से बातचीत होनी चाहिए। बेहतर है कि ये लोग अपना काम करें और भारत सरकार को सलाह न दें कि क्या करना है और कब करना है। बातचीत का समय अभी नहीं आया है। आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते, ये बात उन्हें समझनी चाहिए।


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