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ग्वालियर में साइबर ठगी से बचे मलेरिया अफसर, आप भी रहें सतर्क

मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में एक मलेरिया अधिकारी अपनी सजगता के चलते साइबर ठगी का शिकार होने से बच गया। यह बात अलग है कि साइबर ठग ने उन्हें लगभग साढ़े तीन घंटे डिजिटल अरेस्ट रखा

ग्वालियर में साइबर ठगी से बचे मलेरिया अफसर, आप भी रहें सतर्क
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ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में एक मलेरिया अधिकारी अपनी सजगता के चलते साइबर ठगी का शिकार होने से बच गया। यह बात अलग है कि साइबर ठग ने उन्हें लगभग साढ़े तीन घंटे डिजिटल अरेस्ट रखा।

बताया गया है कि थाटीपुर इलाके में रहने वाले मलेरिया अधिकारी डॉ. विनोद दोनेरिया को गुरुवार की दोपहर एक कॉल आया। उसके बाद व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल आया। जिसमें उनसे गलत तरीके से लेनदेन करने का मामला होने की बात कही गई। इसी दौरान उन्होंने अपने एक परिचित भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी राकेश सगर को फोन कर वस्तु स्थिति से अवगत कराया तो उन्होंने इसे साइबर ठगी बताया।

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. दोनेरिया ने थाना थाटीपुर में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें कहा गया है कि गुरुवार की सुबह ड्यूटी के लिए निकले थे और दोपहर में खाना खाने के लिए घर जा रहे थे तभी एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने अपने को ट्राई (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) की शाखा का बताते हुए कहा कि उनकी सिम दो घंटे में बंद हो जाएगी, क्योंकि उनका नंबर संदिग्ध लेनदेन में चिह्नित हुआ है। फिर उसने कहा कि मुंबई पुलिस के अधिकारी बात करेंगे। फिर दूसरे नंबर से उनके पास वीडियो कॉल आया, जिसमें एक इंस्पेक्टर बैठा हुआ था और उसके पीछे महाराष्ट्र पुलिस का बोर्ड लगा हुआ था। उनसे कहा गया कि उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग केस में सामने आया है। जिसकी वजह से उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया जाता है।

जब उन्होंने कहा कि वह तो कभी मुंबई गए ही नहीं, न ही किसी से कोई लेनदेन किया है। जिसके बाद साइबर ठगों ने उनके कुछ बैंक स्टेटमेंट भी उन्हें भेजे और एक केनरा बैंक का एटीएम कार्ड भी भेजा, जिस पर उनका नाम लिखा हुआ था। जिससे वह घबरा गए। फिर, साइबर ठगों ने बोला कि उनके अकाउंट में 50 हजार रुपए भेजें। जांच ईडी करेगी। अगर बैंक खाते से कोई लेनदेन नरेश गोयल को नहीं हुआ होगा तो आपका पैसे आपको वापस मिल जाएगा। अगर कनेक्शन निकला तो आपको जेल भेज दिया जाएगा।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निरंजन शर्मा ने बताया कि डॉ. दोनेरिया को साढ़े तीन घंटे डिजिटल अरेस्ट के बाद जब उन्हें कुछ समझ नहीं आया तो उन्होंने वीडियो कॉल काटकर ग्वालियर के वरिष्ठ अधिकारी आईपीएस राकेश सगर को कॉल कर घटना के बारे में बताया, जिसके बाद आईपीएस सगर ने उन्हें साइबर ठगों के बारे में बताया। इसके बाद पीड़ित ने पुलिस को शिकायत दी। मामले की जांच की जा रही है।


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