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माधवराव सिंधिया हमारे वरिष्ठ नेता थे, कांग्रेस उनका अपमान नहीं सहेगी : जीतू पटवारी

मध्य प्रदेश के कटनी में दिवंगत नेता माधवराव सिंधिया की मूर्ति को फंदा डालकर स्थानांतरित करने के मामले में सियासत गरमा गई है। कांग्रेस पार्टी की ओर से इस घटना की कड़ी निंदा की गई

माधवराव सिंधिया हमारे वरिष्ठ नेता थे, कांग्रेस उनका अपमान नहीं सहेगी : जीतू पटवारी
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कटनी। मध्य प्रदेश के कटनी में दिवंगत नेता माधवराव सिंधिया की मूर्ति को फंदा डालकर स्थानांतरित करने के मामले में सियासत गरमा गई है। कांग्रेस पार्टी की ओर से इस घटना की कड़ी निंदा की गई।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने रविवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि माधवराव सिंधिया हमारे वरिष्ठ नेता थे और उन्होंने हमेशा देश की सेवा की। हम इस घटना की पूरी तरह निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमेशा सिंधिया परिवार से नफरत की है और इस घटना से यह और स्पष्ट हो गया है।

उन्होंने कहा कि इससे पहले भी शिवराज सिंह चौहान के शासन में सिंधिया परिवार के साथ क्या हुआ था, वह जग जाहिर है। यह बात अलग है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया आज भाजपा में हैं। कांग्रेस पार्टी इस घटना की कड़ी निंदा करती है, इस तरह की घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

जीतू पटवारी ने इस मामले में ज्योतिरादित्य सिंधिया की ओर से कोई प्रतिक्रिया न देने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह उनका निजी मामला हो सकता है कि वह इस पर प्रतिक्रिया क्यों नहीं दे रहे हैं, लेकिन इससे सरकार की नीयत का पता चलता है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि सरकार केवल कर्मचारियों पर कार्रवाई करके अपने पाप को छुपा नहीं सकती।

बता दें कि कटनी बाईपास मार्ग पर चार लेन करने के लिए चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है। इसके अंतर्गत चाका बाईपास में स्थापित माधवराव सिंधिया की प्रतिमा को स्थानांतरित किया गया। जानकारी के अनुसार, प्रतिमा के गले में फंदा डालकर उसको स्थानांतरित किया गया, जिसका वीडियो वायरल हो गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मामले का संज्ञान लिया।

इस मामले में निर्माण कार्य एजेंसी के जिम्मेदार सीनियर इंजीनियर मनोज वर्मा एवं इंजीनियर आशीष सिंह परिहार तथा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्राधिकरण अभियंता के जिम्मेदार टीम लीडर राजेश कुमार नेमा एवं सहायक ब्रिज इंजीनियर दीपक सोनी को निलंबित कर दिया है।

इसके अलावा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारियों को भी लापरवाही बरतने के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन के अंदर जवाब पेश करने का निर्देश दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है जिसके बाद बाकी जिम्मेदार व्यक्तियों की लापरवाही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।


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