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हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही 27 नवंबर 11 बजे तक के ल‍िए स्‍थग‍ित

संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार 25 नवंबर से शुरू हाे गया। हालांक‍ि हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही 27 नवंबर 11 बजे द‍िन तक के ल‍िए स्‍थग‍ित कर दी गई

हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही 27 नवंबर 11 बजे तक के ल‍िए स्‍थग‍ित
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नई द‍िल्‍ली। संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार 25 नवंबर से शुरू हाे गया। हालांक‍ि हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही 27 नवंबर 11 बजे द‍िन तक के ल‍िए स्‍थग‍ित कर दी गई।

इसके पहले सोमवार 11 बजे संसद के शीतकालीन सत्र का शुभारंभ क‍िया गया। सबसे पहले दिवंगत सांसदों को श्रद्धांज‍ल‍ि दी गई। इसके बाद संसद की कार्यवाही शुरू की गई। लेक‍िन लोकसभा में मणिपुर समेत दूसरे मुद्दों को लेकर व‍िपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर द‍िया। लोकसभा अध्‍यक्ष ओम ब‍िरला ने सांसदों से शांत रहने और कार्यवाही को सुगम तरीके से चलने देने में सहयोग देने की अपील की। लेक‍िन लोकसभा अध्‍यक्ष की अपील का हंगामा कर रहे सांसदों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। हंगामा बढ़ता ही जा रहा था। इसे देखते हुए लोकसभा अध्‍यक्ष ओम ब‍िरला ने लोकसभा की कार्यवाही 27 नवंबर 11 बजे द‍िन के ल‍िए स्‍थग‍ित कर दी। अब 29 नवंबर को 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होगी।

सोमवार को शीतकालीन सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी भी लोकसभा पहुंचे। संसद पर‍िसर में पत्रकारों से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत की संसद से भी वो संदेश जाना चाहिए कि भारत के मतदाता उनका लोकतंत्र के प्रति समर्पण, उनका संविधान के प्रति समर्पण, संसदीय कार्य पद्धति पर विश्वास, संसद में बैठे हुए हम सबको जनता जनार्दन की भावनाओं पर खरा उतरना ही पड़ेगा। हम अब तक जितना समय गंवा चुके हैं उसका थोड़ा पश्चाताप करें, हम बहुत ही तंदुरुस्त तरीके से हर विषय के व‍िभ‍िन्‍न पहलुओं को संसद भवन में हम उजागर करें, आने वाली पीढ़ियां उसे पढ़ेगी और उससे प्रेरणा लेगी। पीएम ने कहा क‍ि मैं आशा करता हूं कि ये सत्र से अनेक अच्‍छे पर‍िणाम आएंगे। उन्होंने कहा क‍ि मैं कामना करता हूं क‍ि यह सत्र भारत की वैश्विक गरिमा को बल देने वाला हो, नए सांसदों को अवसर देने वाला हो, नए विचारों का स्वागत करने वाला हो।

प्रधानमंत्री ने कहा क‍ि 2024 के आम चुनाव के बाद देश की जनता को अपने अपने राज्यों में अपनी भावना प्रकट करने का अवसर मिला है, उसमें भी 2024 के लोकसभा के चुनाव के नतीजों को और अधिक ताकत दी गई है, राज्यों के द्वारा और अधिक समर्थन बढ़ा है। लोकतंत्र की शर्त है कि हम जनता जर्नादन के व्यवहार का आदर करें। मैं आशा करता हूं कि हमारे नए साथियों को अवसर मिलेगा। उनके पास नए विचार हैं, भारत को आगे ले जाने की कल्पनाएं हैं।


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