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हंगामें के कारण लोकसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित

लोकसभा में संभल मामले को लेकर कांग्रेस के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण गुरुवार 5 दिसंबर को सदन में रेलवे संशोधन विधेयक 2024 पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का जवाब नहीं हो पाया और दो बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई

हंगामें के कारण लोकसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित
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नई दिल्ली। लोकसभा में संभल मामले को लेकर कांग्रेस के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण गुरुवार 5 दिसंबर को सदन में रेलवे संशोधन विधेयक 2024 पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का जवाब नहीं हो पाया और दो बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

दो बार के स्थगन के बाद दोपहर 3 बजे सदन के समवेत होते ही कांग्रेस के सदस्य सदन के बीचोंबीच आ गये और हंगामा करने लगे। पीठासीन अधिकारी जगदंबिका पाल ने कहा कि रेलवे संशोधन विधेयक पर 72 सदस्यों ने भाग लिया है और मंत्री जवाब देने के लिए आए हैं। आप उनका जवाब आ जाने दीजिए। इसके बाद अपनी बात कहने का मौका मिलेगा। लेकिन विपक्षी सदस्यों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा।

इस बीच पाल के कहने पर वैष्णव ने जवाब देना शुरू किया और कहा कि विधेयक पर चर्चा के दौरान सांसदों ने आशंका जताई है कि संसद का नियंत्रण और भूमिका कमजोर हो जाएगी। वह इस पर सदन आश्वासन देना चाहते हैं। तभी पाल ने विपक्षी सदस्यों से पुन: अपील की कि वे जवाब हो जाने दें। लेकिन शोरगुल जारी रहा। इस पर उन्होंने सदन की कार्यवाही शुक्रवार 6 दिसंबर, 11 बजे तक के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी। इससे पहले एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे लोकसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, विपक्षी दलों के सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। पीठासीन अधिकारी ने सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलते रहने देने का आग्रह किया लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। उन्होंने कहा कि रेल मंत्री को कल दिनभर हुई चर्चा का जवाब देना है इसलिए हंगामा न करें।

वैष्णव ने भी कई बार जवाब देने का प्रयास किया लेकिन सदस्यों ने एक नहीं सुनी।
संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि विपक्ष के सदस्य कपड़ों पर रंग-बिरंगे नारे लिखकर आ रहे हैं जो सदन के नियमों के खिलाफ है। ऐसा नहीं होना चाहिए और सदस्यों को रेल मंत्री का जवाब सुनना चाहिए।
पीठासीन अधिकारी ने विपक्ष के सदस्यों से कहा कि जब कार्य मंत्रणा समिति में विचार हो चुका है कि सदन चलेगा तो सदस्यों को उस सहमति का पालन करना चाहिए और कार्यवाही में हिस्सा लेना चाहिए लेकिन सदस्य हंगामा करते रहे इसलिए उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी।


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