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चुनाव में कम समय और कम खर्च देश के लिए फायदेमंद : मनीषा कायंदे

शिवसेना नेता और महाराष्ट्र विधान परिषद सदस्य मनीषा कायंदे ने शनिवार को आईएएनएस से बात करते हुए 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर प्रतिक्रिया जाहिर की

चुनाव में कम समय और कम खर्च देश के लिए फायदेमंद : मनीषा कायंदे
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मुंबई। शिवसेना नेता और महाराष्ट्र विधान परिषद सदस्य मनीषा कायंदे ने शनिवार को आईएएनएस से बात करते हुए 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्होंने कहा कि अगर देश के हित में कोई फैसला लिया जाता है, जिससे देश की आर्थिक स्थिति बेहतर होती है और समय की बचत होती है, तो उसे लागू किया जाना चाहिए। इस पर विपक्ष की ओर से सवाल उठाए जाने पर उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम है सवाल उठाना, और उन्हें यह करने देना चाहिए।

मनीषा कायंदे ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' के मुद्दे पर कहा कि अगर इस कदम से देश की आर्थिक स्थिति बेहतर होती है और चुनावों में समय और धन की बचत होती है, तो इसे लागू किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि विपक्ष को संसद में सवाल उठाने का अधिकार है, लेकिन अगर यह देश के हित में है, तो इसे लागू किया जाना चाहिए। चुनावों में कम समय और कम खर्च करना देश के लिए फायदेमंद होगा, यह कदम देश की समग्र प्रगति के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

भाजपा नेता आशीष शेलार ने मुंबई नगर निगम कमिश्नर भूषण गगराणी को पत्र लिखकर सड़क सीमेंटिंग परियोजना में घटिया गुणवत्ता की सामग्री के इस्तेमाल का आरोप लगाया है। इस मामले पर मनीषा कायंदे ने कहा कि उन्हें पत्र की पूरी जानकारी नहीं है, इसलिए वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकतीं। उन्होंने कहा कि बीएमसी आयुक्त इस मुद्दे पर जवाब देंगे और यह मामला वहीं सुलझेगा।

मुंबई में हनुमान मंदिर को लेकर रेलवे द्वारा नोटिस जारी करने के बाद उद्धव ठाकरे के बयान पर मनीषा कायंदे ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे ने कुछ साल पहले एक नारा दिया था कि 'मंदिर पहले, फिर सरकार'। अब राम मंदिर अयोध्या में बन चुका है और नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं। यह बदलाव उद्धव ठाकरे के दृष्टिकोण में आया है और अब वह हिंदुत्व की राह पर लौट आए हैं। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि उद्धव ठाकरे ने बालासाहेब ठाकरे के आदर्शों को अपनाया है।

मनीषा कायंदे ने छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के निर्माण को लेकर कहा कि यह महाराष्ट्र के लिए गर्व की बात है। विपक्ष इस मुद्दे पर सवाल उठाएगा, लेकिन गुजरात और महाराष्ट्र के बीच कोई विवाद नहीं है। दोनों राज्य एक-दूसरे के मित्र हैं और एकजुटता में विश्वास करते हैं।


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