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जानिए कितने युवा मतदाता इस बार दिल्ली की सरकार चुनने के लिए करेंगे मताधिकार का प्रयोग, कितने फर्स्ट टाइम वोटर

दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है। दिल्ली में विधानसभा चुनाव एक चरण में संपन्न कराए जाएंगे। चुनाव आयोग की तरफ से मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि पांच फरवरी को यहां मतदान होगा। जबकि आठ फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे

जानिए कितने युवा मतदाता इस बार दिल्ली की सरकार चुनने के लिए करेंगे मताधिकार का प्रयोग, कितने फर्स्ट टाइम वोटर
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नई दिल्ली। दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है। दिल्ली में विधानसभा चुनाव एक चरण में संपन्न कराए जाएंगे। चुनाव आयोग की तरफ से मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि पांच फरवरी को यहां मतदान होगा। जबकि आठ फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा की गई है। इस सीट पर भी 5 फरवरी को चुनाव और आठ फरवरी को नतीजों की घोषणा होगी।


बता दें कि दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी 2025 को समाप्त हो रहा है। ऐसे में दिल्ली की 70 विधानसभा सीट में से 58 सामान्य सीट और 12 एससी सीट पर एक ही चरण में चुनाव संपन्न होंगे। इस चुनाव में 1.55 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। इसमें से 83.49 लाख पुरुष, 71.74 लाख महिला, 25.89 लाख युवा मतदाता होंगे। इसके साथ ही इस चुनाव में 2.08 लाख फर्स्ट टाइम वोटर भी अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

दिल्ली में 100 साल से ऊपर के मतदाताओं की संख्या 830 और ट्रांसजेंडर मतदाताओं की संख्या 1,261 है। चुनाव आयोग की तरफ से की गई घोषणा के अनुसार चुनाव में 85 वर्ष से अधिक आयु के तथा दिव्यांग मतदाताओं के लिए घर से मतदान की सुविधा रहेगी।

मतदान केंद्रों पर बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं की सुविधा और मतदान में आसानी के लिए स्वयंसेवक, व्हीलचेयर तथा रैंप बनाए जाएंगे। चुनाव आयोग की तरफ से सभी राजनीतिक दलों को नसीहत दी गई है कि चुनाव प्रचार में भाषा का ख्याल रखें। महिलाओं के खिलाफ गलत भाषा का इस्तेमाल न करें।

इसके साथ ही ईवीएम को लेकर मचाए जा रहे राजनीतिक दलों की तरफ से बवाल पर भी मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जवाब देते हुए कहा कि "ईवीएम में अविश्वसनीयता या किसी खामी का कोई सबूत नहीं है। ईवीएम में वायरस या बग आने का कोई सवाल ही नहीं है। ईवीएम में अवैध वोट होने का भी सवाल नहीं है। इस मशीन में कोई धांधली भी संभव नहीं है।''

राजीव कुमार ने कहा कि ''हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट अलग-अलग फैसलों में लगातार यही कह रहे हैं। ऐसे में ईवीएम मतदान और मतगणना के लिए फुलप्रूफ डिवाइस है। इसके टेम्परिंग के आरोप बेबुनियाद हैं। हम अभी बोल रहे हैं क्योंकि चुनाव के समय हम नहीं बोलते।"


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