Top
Begin typing your search above and press return to search.

हमें पारंपरिक ज्ञान को लेकर समाज में विश्वास जगाना जरूरी है : रंजना अग्रवाल

राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर) की निदेशक रंजना अग्रवाल ने बुधवार को बताया कि हमें पारंपरिक ज्ञान को लेकर समाज में विश्वास जगाना जरूरी है

हमें पारंपरिक ज्ञान को लेकर समाज में विश्वास जगाना जरूरी है : रंजना अग्रवाल
X

गुरुग्राम। राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर) की निदेशक रंजना अग्रवाल ने बुधवार को बताया कि हमें पारंपरिक ज्ञान को लेकर समाज में विश्वास जगाना जरूरी है।

राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान की निदेशक रंजना अग्रवाल ने कहा, "सबसे पहले समाज में एक यह भावना लानी है कि हमारा पारंपरिक ज्ञान वैज्ञानिक दृष्टि से अति उत्तम था, है और रहेगा। समाज में इसको लेकर विश्वास जगाना बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री मोदी का विजन है कि पारंपरिक ज्ञान के विषय में कुछ प्रश्न चिन्ह लगाए जाते हैं कि वह शायद स्यूडो साइंस है या वह विज्ञान पर आधारित नहीं है, इसके लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी वैज्ञानिक वर्ग की बनती है कि वह समाज के समक्ष इन पारंपरिक ज्ञान के विषयों को रखें, उसे तर्क के साथ पेश करें और उसकी वैज्ञानिकता को सामने लाने की कोशिश करें। इसका दूसरा उद्देश्य यह भी है कि ना सिर्फ वैज्ञानिक तत्व उसके ऊपर सही साबित हो चुके हैं, परंतु आने वाली पीढ़ी को भी और रिसर्च करना चाहिए, ताकि हम पारंपरिक ज्ञान से नए विज्ञान में कन्वर्जन कर सकें, जिससे होलिस्टिक सॉल्यूशन सोसाइटी को दे सकें।"

उन्होंने आगे कहा, "यह बहुत जरूरी है कि जब हम इस तरह के सेमिनार के माध्यम से समाज के सामने बात करते हैं, जिसमें युवा वर्ग, आर्टिस्ट और पारंपरिक ज्ञान को आगे ले जाने वाले लोग आते हैं। ऐसे हमारे सांस्कृतिक मूल्य सदियों से चले आ रहे हैं, उसको विज्ञान के साथ जोड़कर समाज में उसके प्रति विश्वास जागते हैं तो इस प्रकार के सम्मेलन होना बड़ी भूमिका निभाते हैं।"

राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान की निदेशक रंजना अग्रवाल ने कहा, "अभी जब हम इनोवेशन की बात करते हैं तो हम यह चाहते हैं कि नया प्रोडक्ट, नई नॉलेज, नई प्रक्रिया ,नई टेक्नोलॉजी के माध्यम से रोजगार के साधन उपलब्ध कराएं। हमारा पारंपरिक ज्ञान पहले से बहुत विकसित रहा है। लेकिन, आज के समय में समस्याओं और चुनौतियों के सोल्यूशन को निकालना चाहिए। पारंपरिक ज्ञान में पर्यावरण को लेकर हमारी पारंपरिक दृष्टिकोण क्या रही है या फिर पानी को सहेजने के पारंपरिक साधन क्या रहे हैं। इन तमाम विषयों पर हम सोल्यूशन निकालकर युवा पीढ़ी को जोड़कर नवाचार के नए साधन तैयार कर सकते हैं।"

निदेशक रंजना अग्रवाल ने कहा, "आज की युवा पीढ़ी डिजिटल मीडिया से ज्यादा जुड़ी हुई है, अगर हम पारंपरिक ज्ञान को युवा पीढ़ी के साथ साझा करना चाहते हैं तो उसके लिए बहुत जरूरी है कि हम डिजिटल मीडिया में उसको लेकर जाएं। मुझे लगता है कि हमको टेक्नोलॉजी का घर पर इस्तेमाल करना चाहिए और टेक्नोलॉजी के माध्यम से पारंपरिक ज्ञान का संरक्षण बिल्कुल करना चाहिए।"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it