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पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत-अमेरिका का संबंध मजबूत हुआ : अजय बिसारिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ पॉडकास्ट देश में चर्चा का विषय बना हुआ है

पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत-अमेरिका का संबंध मजबूत हुआ : अजय बिसारिया
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ पॉडकास्ट देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। पीएम मोदी ने इस पॉडकास्ट में कई मुद्दों पर बात की। पीएम मोदी ने इस दौरान भारत-अमेरिका के रिश्तों पर बात की। पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ करते हुए कहा कि इस आदमी में साहस है और वह अपने फैसले खुद लेता है।

लेक्स फ्रिडमैन के साथ पॉडकास्ट में भारत-अमेरिका के संबंधों पर पीएम मोदी के बयान पर ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के प्रतिष्ठित फेलो अजय बिसारिया ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि अमेरिका और भारत के संबंध कई वर्षों अच्छे रहे हैं और ऊपर की ओर बढ़ रहे हैं। खासतौर पर जब से नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने हैं तब से भारत अमेरिका का संबंध बहुत मजबूत हुआ है। ट्रंप 1.0 की कैमिस्ट्री अब 2.0 के रुप में तब्दील हो रही है। मैं समझता हूं कि पीएम मोदी ने जो पॉडकास्ट में ट्रंप और अमेरिका के लिए कहा है वह बिल्कुल ठीक है।

बता दें कि लेक्स फ्रिडमैन के साथ पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपने रिश्ते के बारे में बताते हुए एक वाकया याद किया। उन्होंने बताया, ह्यूस्टन में हमारा एक कार्यक्रम था, हाउडी मोदी। मैं और राष्ट्रपति ट्रंप दोनों वहां पर थे। भारतीय प्रवासी बड़ी संख्या में एकत्र हुए थे। राजनीतिक रैली के लिए इतनी ज्यादा भीड़ असाधारण थी। हम दोनों ने भाषण दिए और वह नीचे बैठकर मेरी बात सुनते रहे। अब, यह उनकी विनम्रता है। जब मैं मंच से बोल रहा था, तब अमेरिका के राष्ट्रपति दर्शकों में बैठे थे, यह उनकी ओर से एक उल्लेखनीय इशारा था। अपना भाषण समाप्त करने के बाद, मैं नीचे उतरा और जैसा कि हम सभी जानते हैं, अमेरिका में सुरक्षा बेहद सख्त और गहन है। मैं उनका शुक्रिया अदा करने गया और सहजता से कहा, "अगर आपको कोई आपत्ति न हो, तो हम स्टेडियम का एक चक्कर क्यों न लगा लें? यहां बहुत सारे लोग हैं। चलो चलें, हाथ हिलाएं और उनका अभिवादन करें। वह सहमत हो गए और मेरे साथ चलने लगे।

उनका पूरा सुरक्षा दल चौंक गया, लेकिन मेरे लिए वह क्षण वास्तव में दिल को छू लेने वाला था। इसने मुझे दिखाया कि इस आदमी में साहस है। वह अपने फैसले खुद लेता है, लेकिन उन्होंने उस पल में मुझ पर और मेरे नेतृत्व पर इतना भरोसा किया कि वह मेरे साथ भीड़ में चले गए। यह आपसी विश्वास की भावना थी, हमारे बीच एक मजबूत बंधन था, जिसे मैंने उस दिन वास्तव में देखा और जिस तरह से मैंने राष्ट्रपति ट्रंप को उस दिन हजारों लोगों की भीड़ में बिना सुरक्षा के चलते हुए देखा, वह वास्तव में आश्चर्यजनक था।


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