भारत सभी नागरिकों के अधिकार सुनिश्चित करने के प्रति प्रतिबद्ध : मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा आयोजित मानवाधिकार दिवस समारोह में हिस्सा लेते हुए उसे संबोधित किया

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा आयोजित मानवाधिकार दिवस समारोह में हिस्सा लेते हुए उसे संबोधित किया।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत ने अपनी 5,000 साल से भी अधिक पुरानी सभ्यतागत विरासत के साथ सहानुभूति, करुणा और सामंजस्यपूर्ण समुदाय के भीतर व्यक्तियों के आपसी जुड़ाव के मूल्यों को लंबे समय तक कायम रखा है। इन मूल्यों के आधार पर एनएचआरसी और एसएचआरसी जैसी संस्थाएं नागरिक समाज, मानवाधिकार रक्षकों के साथ मिलकर सभी के लिए मानवाधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही हैं।
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में आगे कहा कि भारत सभी नागरिकों के अधिकार सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है। सरकार सभी के लिए आवास, स्वच्छ पेयजल, बेहतर स्वच्छता, बिजली, रसोई गैस और वित्तीय सेवाओं से लेकर स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा तक कई सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक अधिकारों की गारंटी देती है। बुनियादी आवश्यकताओं के प्रावधान को अधिकारों के मामले के रूप में देखा जाता है।
जैसे-जैसे हम भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं, हमें उभरती चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। साइबर अपराध और जलवायु परिवर्तन मानवाधिकारों के लिए नए खतरे हैं। डिजिटल युग, परिवर्तनकारी होते हुए भी अपने साथ साइबर बुलिंग, डीपफेक, गोपनीयता संबंधी चिंताएं और गलत सूचना के प्रसार जैसे जटिल मुद्दे लेकर आया है। ये चुनौतियां एक सुरक्षित, संरक्षित और न्यायसंगत डिजिटल वातावरण को बढ़ावा देने के महत्व को रेखांकित करती हैं, जो प्रत्येक व्यक्ति के अधिकारों और सम्मान की रक्षा करता है।
उन्होंने आगे कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब हमारे दैनिक जीवन में प्रवेश कर चुका है, यह कई समस्याओं का समाधान कर रहा है और कई नई समस्याएं भी पैदा कर रहा है। वहीं जलवायु परिवर्तन हमें वैश्विक स्तर पर मानवाधिकारों के बारे में सोच की समीक्षा करने के लिए मजबूर करता है। एक अलग जगह और एक अलग युग के प्रदूषक दूसरे स्थान और दूसरे काल के लोगों के जीवन को प्रभावित कर रहे हैं। ग्लोबल साउथ की आवाज के रूप में भारत ने जलवायु कार्रवाई में सही ढंग से नेतृत्व संभाला है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि हाल के वर्षों में मानसिक स्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है, खासकर हमारे बच्चों और युवाओं के लिए। उन्होंने सभी हितधारकों से अपील की कि वे हमारे बच्चों और युवाओं को प्रभावित करने वाले तनाव को कम करने के लिए पर्याप्त उपाय शुरू करें। हम सभी को मानसिक बीमारी से जुड़े किसी भी कलंक को दूर करने, जागरूकता पैदा करने और जरूरतमंद लोगों को मदद प्रदान करने की दिशा में काम करना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि मानवाधिकार दिवस पर हमें न्याय, समानता और गरिमा के मूल्यों के प्रति अपनी सामूहिक प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करना चाहिए जो हमारे राष्ट्र को परिभाषित करते हैं। जैसा कि हम अपने समय की चुनौतियों का सामना करना जारी रखते हैं, हमें प्रत्येक व्यक्ति के मौलिक अधिकारों को बनाए रखना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी पीछे न छूटे।
उन्होंने कहा कि एक साथ निरंतर प्रयास और एकजुटता के माध्यम से हम एक ऐसा भविष्य बना सकते हैं, जिसमें हर व्यक्ति, चाहे उसकी उम्र, पृष्ठभूमि या परिस्थिति कुछ भी हो, गरिमा, अवसर और संतुष्टि का जीवन जीने के लिए सशक्त हो।


