Top
Begin typing your search above and press return to search.

भारत और जापान अंतरिक्ष एवं साइबर टेक्नोलॉजी में करेंगे सहयोग

भारत और जापान के बीच सैन्य स्तर की एक महत्वपूर्ण संयुक्त वार्ता आयोजित की गई। दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की यह वार्ता बुधवार को नई दिल्ली में संपन्न हुई

भारत और जापान अंतरिक्ष एवं साइबर टेक्नोलॉजी में करेंगे सहयोग
X

नई दिल्ली। भारत और जापान के बीच सैन्य स्तर की एक महत्वपूर्ण संयुक्त वार्ता आयोजित की गई। दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की यह वार्ता बुधवार को नई दिल्ली में संपन्न हुई। इस दौरान आधुनिक युद्ध की उभरती गतिशीलता पर चर्चा हुई। भारत और जापान ने अंतरिक्ष और साइबर टेक्नोलॉजी के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने की बात कही है।

भारत के इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (एचक्यू आईडीएस) और जापान सेल्फ डिफेंस फोर्स (जेएसडीएफ) के संयुक्त स्टाफ के बीच यह दूसरी भारत-जापान ज्वाइंट सर्विस स्टाफ टॉक थी।

आधुनिक युद्ध की उभरती गतिशीलता को पहचानते हुए, दोनों देशों ने अपनी रक्षा साझेदारी के प्रमुख घटकों के रूप में अंतरिक्ष और साइबर प्रौद्योगिकियों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। भारत की ओर से बैठक की सह-अध्यक्षता एयर वाइस मार्शल प्रशांत मोहन ने की। वहीं, जापान की ओर से मेजर जनरल मिनामिकावा नोबुताका ने इस महत्वपूर्ण वार्ता की सह-अध्यक्षता की।

वार्ता के दौरान दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों ने मौजूदा रक्षा संबंधों को मजबूत करने पर सार्थक चर्चा की। मौजूदा द्विपक्षीय रक्षा तंत्र के तहत सहयोग के नए रास्ते तलाशने पर सार्थक मंथन भी किया गया। दोनों पक्षों ने उभरती सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने, साझा हितों की रक्षा करने और भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति बनाए रखने में भारत-जापान साझेदारी के बढ़ते महत्व को स्वीकार किया है।

ज्वाइंट सर्विसेज स्टाफ फोरम नियमित और उच्च स्तरीय परिचालन चर्चाओं के माध्यम से भारत और जापान के बीच रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाने का एक मंच है। ये बैठकें दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच घनिष्ठ, पेशेवर सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में काम करती हैं।

रक्षा मंत्रालय का मानना है कि संयुक्त सेवा स्टाफ वार्ता ने दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को सफलतापूर्वक मजबूत किया है। इसके अलावा यहां प्राप्त प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए और आगे की चर्चा के लिए नियमित रूप से मिलने का संकल्प लिया गया। यह जुड़ाव दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास, सम्मान और साझा मूल्यों पर आधारित दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी को दर्शाता है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it