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संसद में उठाए मुद्दों पर इंडिया एलायंस एक साथ : प्रियंका चतुर्वेदी

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री एवं इंडिया एलायंस के प्रमुख घटक दल नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला के एलायंस में शामिल दलों के बीच मीटिंग नहीं होने को लेकर उठाए सवाल पर शिवसेना (यूबीटी) से राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने गुरुवार को अपनी प्रतिक्रिया दी

संसद में उठाए मुद्दों पर इंडिया एलायंस एक साथ : प्रियंका चतुर्वेदी
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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री एवं इंडिया एलायंस के प्रमुख घटक दल नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला के एलायंस में शामिल दलों के बीच मीटिंग नहीं होने को लेकर उठाए सवाल पर शिवसेना (यूबीटी) से राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने गुरुवार को अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा संसद की कार्यवाही में इंडिया एलायंस के दल हर मुद्दे पर एक-साथ रहे।

जम्‍मू-कश्‍मीर के मुख्‍यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा इंडिया एलायंस की मीटिंग नहीं होने और इसके नेतृत्‍व को लेकर उठाए गए सवाल पर प्रियंका चतुर्वेदी ने आईएएनएस से कहा, "यह बात बिल्कुल सही है कि महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव के बाद से कोई मीटिंग नहीं हुई है। लेकिन अगर संसद की कार्यवाही को देखा जाए, तो यहां पर जो-जो मुद्दे थे, उसमें इंडिया एलायंस के दलों ने एक साथ मिलकर अपनी बात रखी और कोई फैसला लेना पड़ा, तो एक साथ मिलकर सभी ने फैसला लिया। हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं है कि इंडिया एलायंस की मीटिंग जरूरी है। आगे की रणनीति क्या होगी, इसको ध्यान में रखना जरूरी है। हमें उम्मीद है कि जल्दी से जल्द मीटिंग होगी।"

इंडिया एलायंस के लीडरशिप और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी को इसकी जिम्मेदारी देने के सवाल पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद ने कहा, "वो कैपेबल नेता हैं। भाजपा ने पश्चिम बंगाल में हर तरीके से उनको बदनाम करने की कोशिश की। भाजपा ने पैसा खर्च करने के साथ एजेंस‍ियों के दुरुपयोग तक किया। लेकिन ममता बनर्जी मजबूती के साथ भाजपा के खिलाफ खड़ी हैं, ऐसे में उनके पास नेतृत्व कौशल है। लेकिन इन मुद्दों पर फैसला तब होगा, जब इंडिया एलायंस के सभी दल एक साथ मिलेंगे और निर्णय लेंगे कि क्या करना है।"

हरियाणा में कांग्रेस और आप अगर गठबंधन में एक साथ लड़ती तो परिस्थिति कुछ अलग होने के सवाल पर प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "वहां की परिस्थितियां कुछ अलग थीं। उससे दोनों पार्टियों ने कुछ सीख ली। उसके बाद आम आदमी पार्टी ने महाराष्ट्र में चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया।"


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