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राजनीति में महिलाएं अधिक सक्रिय होतीं तो रूस-युक्रेन युद्ध न होता : स्त्री शक्ति

देश की राजनीति की मुख्यधारा में आने के लिए संघर्ष कर रही महिलाओं का मानना है कि आज युक्रेन और रशिया में जो हालात है

राजनीति में महिलाएं अधिक सक्रिय होतीं तो रूस-युक्रेन युद्ध न होता : स्त्री शक्ति
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नई दिल्ली। देश की राजनीति की मुख्यधारा में आने के लिए संघर्ष कर रही महिलाओं का मानना है कि आज युक्रेन और रशिया में जो हालात है, अगर वहां ज्यादा महिलाओं का प्रतिनिधित्व होता तो ऐसा नहीं होता। स्त्री शक्ति की संस्थापक रेखा मोदी ने सोमवार को कहा, निर्वाचित महिला और पुरुष नेता इस बहुत आवश्यक समर्थन का स्वागत कर रहे हैं। हमने राजनीतिक आरक्षण के लिए वर्षों से इंतजार किया है जो अभी भी एक सपना है। मुझे ²ढ़ता से विश्वास है कि महिलाओं में 21 सदी में बदलाव होगा।

उन्होंने कहा कि आज दुनियां जिस त्रासदी से गुजर रही है अगर महिलाओं की भूमिका राजनीति में भी पुरुषों की तरह होती तो दो देशों के बीच इतनी कटु सम्बंध न होते, युद्ध की स्थिति न बनती। उन्होंने कहा कि आज युक्रेन और रूस के बीच युद्ध छिड़ा है ये दुनिया के तीसरे विश्व युद्ध की तरफ बढ़ने के संकेत हैं।

देश के राजनीतिक परि²श्य में भारतीय महिलाओं की स्थिति को मजबूत करने के लिए सोमवार को शी लीड्स कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य देश की मौजूदा राजनीति में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना है। कम से 33 प्रतिशत आरक्षण के लक्ष्य को हासिल करना। दिल्ली के इंटरनेशनल सेंटर में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें कुछ महिलाओं को प्रमाण पत्र भी वितरित किये गए।

इस कार्यक्रम में आई महिलाओं के मुताबिक हमारी आजादी के 75वें वर्ष में भी महिलाओं को उनका हक नहीं मिल पाया है, जबकि महिलाओं के लिए पंचायत आरक्षण सफल रहा है फिर विधानसभा, लोकसभा और राज्यसभा में ये कितने और साल में ये लक्ष्य हासिल हो पायेगा। शी लीड्स स्त्री शक्ति - द पैरेलल फोर्स, इंडियन स्कूल ऑफ की एक सामूहिक पहल है। इसकी स्थापना हेमाक्षी मेघानी ने की और राजनीतिक शक्ति की स्थापना तारा कृष्णास्वामी ने की।

इंडियन स्कूल ऑफ डेमोक्रेसी एक गैर-पक्षपाती संगठन है, जिसका मिशन सैद्धांतिक राजनीतिक नेताओं का पोषण करना है, जो राजनीतिक प्रतिनिधित्व को अधिक मूल्य संचालित, समावेशी और न्यायसंगत बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। राजनीतिक शक्ति विधायक और सांसद के रूप में महिलाओं के प्रतिनिधित्व में वृद्धि के लिए एक नागरिक का सामूहिक अभियान है।

इस अवसर सुप्रिया चावला ने कहा, यह पूर्व छात्रों का एक उल्लेखनीय उदाहरण है, जब वे अपने देश लौटते हैं तो स्थायी सकारात्मक प्रभाव पैदा करते हैं। हमें उनकी उपलब्धियों और लोगों के जीवन, समुदायों को बदलने और एक समान, समावेशी और बेहतर भविष्य बनाने में मदद करने की उनकी उपलब्धियों पर गर्व है।

खासबात ये है कि महिलाओं को राजनीति में आगे लाने के लिए 23 फरवरी से 27 फरवरी, 2022 तक शी लीड्स 18 राज्यों की 50 महत्वाकांक्षी महिला नेताओं को प्रशिक्षित किया विभिन्न राजनीतिक दलों की सांसद, प्रियंका चतुवेर्दी (शिवसेना), सुनीता दुग्गल सांसद (भाजपा), कुमारी शैलजा (कांग्रेस), डॉ अमर पटनायक, सांसद (बीजद) इन महत्वाकांक्षी महिला नेताओं को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी यात्रा, चुनौतियों और सफलताओं को साझा किये। यह प्रशिक्षण महिला उम्मीदवारों की विभिन्न मानक प्रक्रियाओं जैसे उम्मीदवारी दाखिल करने, चुनाव प्रचार, स्थानीय मुद्दों की पहचान करने वाले निर्वाचन क्षेत्रों की मैपिंग, जागरूकता और नागरिक शिक्षा के लिए मीडिया का उपयोग करने पर उनकी समग्र क्षमता में समग्र रूप से सुधार करने की आवश्यकता पर केंद्रित रहा।

इससे पहले फरवरी 2021 में शुरू किए गए पहले दल में, शी लीड्स ने 13 राज्यों की 50 महिलाओं को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया, जिनमें से एक आरएलडी सीट पर मेरठ से यूपी चुनाव लड़ रही है। इस कार्यक्रम में डॉ. हेना गावित (भाजपा), घनश्याम तिवारी (सपा), राजीव गौड़ा, मार्गरेट अल्वा (कांग्रेस), अर्चना चिटनिस (भाजपा), बंदना कुमारी (आप) ने प्रशिक्षुओं का मार्गदर्शन किया।


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