Top
Begin typing your search above and press return to search.

‘बैलेट पेपर से चुनाव कराओ, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा’, लोकसभा में बोलीं प्रियंका गांधी वाड्रा

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को लोकसभा में अपने पहले संबोधन में बैलेट पेपर को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “बैलेट पेपर से चुनाव कराओ, तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। आप राजनीति में न्याय की बात कर रहे हैं। आप लोग सरकार को पैसों के बल पर गिरा दे रहे हैं।”

‘बैलेट पेपर से चुनाव कराओ, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा’, लोकसभा में बोलीं प्रियंका गांधी वाड्रा
X

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को लोकसभा में अपने पहले संबोधन में बैलेट पेपर को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा, “बैलेट पेपर से चुनाव कराओ, तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। आप राजनीति में न्याय की बात कर रहे हैं। आप लोग सरकार को पैसों के बल पर गिरा दे रहे हैं।”

प्रियंका गांधी ने आगे कहा, “मेरे सत्तापक्ष के साथी आज खड़े हुए और तमाम गिनती करने लगे कि ऐसा हुआ, तो वैसे हुआ। 1975 में यह हुआ, तो आप सीख लीजिए ना। आप लोग भी अपनी गलती के लिए माफी मांग लीजिए। आप भी बैलेट पर चुनाव कर लीजिए।”

उन्होंने कहा, “विपक्षी नेताओं पर फर्जी मुकदमे लगाए जा रहे हैं। विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है।”

उन्होंने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “लोगों के बीच में भय फैलाने वाले लोग आज खुद भय में जी रहे हैं। ऐसा डर का माहौल तो पहले अंग्रेजों के राज में भी नहीं था। लेकिन, यह देश डर से नहीं, बल्कि साहस से चलेगा।”

प्रियंका गांधी ने कहा, “पहले राजा भेष बदलकर जनता के बीच में जाते थे। अब राजा भेष बदलते हैं, लेकिन वह जनता के बीच में नहीं जाते हैं और ना ही वह लोगों द्वारा अपनी आलोचना सुनना पसंद करते हैं। आज का राजा जनता के बीच में जाने से डरता है। मौजूदा समय में यह सरकार आलोचना से डर रही है। ऐसी स्थिति को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। इस सरकार में सदन में चर्चा कराने की बिल्कुल भी हिम्मत नहीं है।”

उन्होंने संभल हिंसा का भी जिक्र अपने संबोधन में करते हुए कहा, “संभल के कुछ लोग हमसे मिलने आए थे, जो मृतक के परिवार के सदस्य हैं। उनमें दो बच्चे अदनान और उजैर थे। उनमें से एक मेरे बेटे की उम्र का था और दूसरा उससे छोटा, 17 साल का। उनके पिता एक दर्जी थे। उनका एक ही सपना था कि वह अपने बेटे को डॉक्टर बनाएंगे और उसका दूसरा बेटा भी सफल होगा। 17 वर्षीय अदनान ने मुझे बताया कि वह बड़ा होकर डॉक्टर बनेगा और अपने पिता के सपने को साकार करेगा। यह सपना और आशा उसके दिल में हमारे भारत के संविधान ने डाली है।”


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it