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महाकुंभ में प्रशासन की अव्यवस्था से दुखी हूं : स्वामी कुरेशाचार्य

रामानुज संप्रदाय दिगंबर अखाड़ा के प्रमुख स्वामी कुरेशाचार्य जी महाराज ने महाकुंभ में प्रशासन की व्यवस्थाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की

महाकुंभ में प्रशासन की अव्यवस्था से दुखी हूं : स्वामी कुरेशाचार्य
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महाकुंभ नगर। रामानुज संप्रदाय दिगंबर अखाड़ा के प्रमुख स्वामी कुरेशाचार्य जी महाराज ने महाकुंभ में प्रशासन की व्यवस्थाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि महाकुंभ की महत्ता तो अद्वितीय है, लेकिन इस बार की व्यवस्थाओं ने उन्हें चिंतित किया है।

स्वामी कुरेशाचार्य जी महाराज ने बुधवार को कहा कि कुंभ तो बहुत खुश करने वाला है, लेकिन प्रशासन की खराब व्यवस्था के कारण हम पूरी तरह से खुश नहीं हो पा रहे हैं। इतने सारे सेक्टर बनाए गए हैं, लेकिन हर सेक्टर में घाट की व्यवस्था नहीं है, हर सेक्टर में एक-एक घाट की व्यवस्था होनी चाहिए थी। स्थिति थोड़ी बेहतर हो सकती थी, यदि कुछ पूर्व सुझावों पर अमल किया जाता। उन्होंने कहा कि हमने पहले ही सुझाव दिया था कि हर सेक्टर में घाट बने होने चाहिए, ताकि दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा हो। वर्तमान में बहुत से श्रद्धालुओं को कई किलोमीटर चलने की जरूरत पड़ती है, जो उनके लिए कठिनाई पैदा करता है।

महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन मचे भगदड़ की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि उस हादसे के बाद से मन दुखी है और यह हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि यदि व्यवस्था बेहतर होती, तो शायद यह घटना टाली जा सकती थी। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए अगर सावधानी बरती जाती, तो शायद नुकसान कम हो सकता था। लेकिन उन्होंने यह भी साफ किया कि इसमे दोष किसी का नहीं है, क्योंकि जीवन और मरण विधाता के हाथ में है। यह सब कुछ विधाता के हाथ में है और जो कुछ भी हुआ वह विधाता की इच्छा से हुआ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महाकुंभ में आने के बारे में पूछे जाने पर स्वामी कुरेशाचार्य ने कहा कि यह अच्छी बात है कि प्रधानमंत्री मोदी कुंभ में आए हैं। वह भी हमारे देश के नागरिक हैं और उनका आना स्वाभाविक है। इस मामले में कोई खास बात नहीं है, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी का महत्व वैसे ही है जैसा कि किसी भी नागरिक का।


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