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हर जाति-धर्म के लोगों के लिए हिन्दुत्व मानवता की आत्मा है : मुख्तार अब्बास नकवी

भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने गुरुवार को आईएएनएस से बात की। उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के बेटे यतींद्र के बयान और झारखंड तथा महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद आए एग्जिट पोल पर प्रतिक्रिया दी

हर जाति-धर्म के लोगों के लिए हिन्दुत्व मानवता की आत्मा है : मुख्तार अब्बास नकवी
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नई दिल्ली। भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने गुरुवार को आईएएनएस से बात की। उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के बेटे यतींद्र के बयान और झारखंड तथा महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद आए एग्जिट पोल पर प्रतिक्रिया दी।

यतींद्र सिद्दारमैया के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, "मानवता के इन विरोधियों को समझना चाहिए कि हिंदुत्व मानवता की आत्मा का प्रतीक है, विनाश की भावना नहीं। वह गलती से मानते हैं कि तालिबान जैसी विनाशकारी ताकतें सनातन धर्म, हिंदुत्व या इस देश की संस्कृति और मूल्यों पर हमला कर सकती हैं। उन्हें यह समझने की जरूरत है कि हिंदुत्व मानवता की आत्मा है। दुनिया का कोई भी व्यक्ति के लिए, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति से हो, हिन्दुत्व मानवता की आत्मा है।

महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद कई एग्जिट पोल में दोनों राज्यों में भाजपा और उसके सहयोगी दलों की सरकार बनती दिख रही है। इस पर भाजपा नेता ने कहा है कि एग्जिट पोल की स्थिति 'सौ सुनार की एक लोहार की' जैसी है। एग्जिट पोल कंपनियां सुनार हैं और मतदाता लोहार हैं। मतदाताओं का हथौड़ा सबसे पक्का होता है।

उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल की स्थिति अंधेरे में तीर चलाने जैसी है। निशान पर लग गया तो तीर नहीं तो तुक्का। एग्जिट पोल के आधार पर किसी पार्टी को ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है और गलतफहमी की भी जरूरत नहीं है। क्योंकि राजनीतिक दल अपने मुद्दों और कार्यक्रमों के आधार पर अपने नेतृत्व और नीतियों के आधार पर जनता के बीच जाते हैं और वोट करने की अपील करते हैं। जनता जनादेश देती है। कई बार ऐसा हो चुका है कि एग्जिट पोल गलत साबित हुए हैं। झारखंड और महाराष्ट्र में जनता का प्यार एनडीए को मिलेगा।

उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के दौरान कुछ घटनाएं सामने आने के बाद भाजपा नेता ने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र में हिंसा की धमकियां अस्वीकार्य हैं, चाहे कोई वोट देना चाहे या नहीं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों ही परिदृश्य - वोट न देने का जोखिम या वोट देने के लिए धमकियों का सामना करना - लोकतंत्र के लिए हानिकारक हैं। उन्होंने आगे कहा कि ऐसी धमकियां पैदा करने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। मुझे खुशी है कि जनता ने अपने मत का इस्तेमाल किया।


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