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'पश्चिम बंगाल में हिंदुओं को कोई त्योहार मनाने की इजाजत नहीं है', भाजपा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो का तंज

रामनवमी के अवसर पर पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में एक भव्य जुलूस का आयोजन हुआ

पश्चिम बंगाल में हिंदुओं को कोई त्योहार मनाने की इजाजत नहीं है, भाजपा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो का तंज
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पुरुलिया (पश्चिम बंगाल)। रामनवमी के अवसर पर रविवार को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में एक भव्य जुलूस का आयोजन हुआ, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए। इस जुलूस में भाजपा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में हिंदू त्योहारों के आयोजन में लगातार बाधाएं डाली जाती हैं। सांसद ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार हिंदुओं को उनके त्योहार मनाने की स्वतंत्रता नहीं देती, चाहे वह रामनवमी की शोभा यात्रा हो, दुर्गा पूजा हो या कोई अन्य धार्मिक आयोजन।

ज्योतिर्मय सिंह महतो ने न्यायालय के फैसले का स्वागत किया, जिसमें रामनवमी जुलूस के आयोजन की सशर्त अनुमति दी गई थी। ज्योतिर्मय सिंह महतो ने कहा, "मैं माननीय न्यायालय के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करता हूं कि उसने उन सभी स्थानों पर रामनवमी जुलूस निकालने की अनुमति दी है।" उन्होंने कहा कि पुरुलिया जिले में आयोजित इस जुलूस में हजारों लोग शामिल हुए और सभी बहुत खुश हैं। उन्होंने न्यायालय का धन्यवाद किया कि उसने हिंदू समुदाय को उनके अधिकारों का एहसास कराया और उन्हें अपने त्योहार मनाने की अनुमति दी।

सांसद ने कहा कि राज्य सरकार हिंदू समुदाय के खिलाफ अन्याय कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर हिंदू त्योहारों के आयोजन में रोड़े अटका रही है, जिससे समुदाय के लोग असंतुष्ट हैं। ज्योतिर्मय सिंह महतो ने कहा, "हम न्यायालय का आभार व्यक्त करते हैं कि उसने हमें हमारे धार्मिक अधिकारों के इस्तेमाल की अनुमति दी, जबकि राज्य सरकार ने कई बार इस पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की।"

उन्होंने कहा कि यह हिंदू धर्म की एक पारंपरिक शोभायात्रा है, जो केवल देश में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में जहां भी हिंदू समुदाय है, वहां हर साल रामनवमी के दिन निकाली जाती है। यह परंपरा सदियों से चलती आ रही है। शोभायात्रा में हमारे धर्म के देवी-देवताओं की प्रतीक वस्तुएं होती हैं, जैसे तीर, धनुष, तलवार, गोदा, मूसल आदि। ये सब सांकेतिक रूप में होते हैं और उनका कोई नकारात्मक या गलत अर्थ नहीं होता। इन सभी चीजों को लेकर शोभायात्रा निकाली जाती है, जो पूरी तरह से सांस्कृतिक और धार्मिक प्रतीक होती है।

ज्योतिर्मय सिंह महतो ने कहा कि कुछ लोग, खासकर कांग्रेस के कुछ नेता, राजनीति में अपनी ऊंची और नीची रणनीतियों के तहत हिंदू समाज के आयोजनों को रोकने की कोशिश करते हैं। पहले इन लोगों ने कोशिश की थी कि हिंदू समाज के किसी भी कार्यक्रम को अनुमति न मिले, खासकर बंगाल में। इनकी राजनीति का यह हिस्सा था कि वहां केवल रेड रोड पर नमाज पढ़ी जाए, हिजाब पहना जाए, लेकिन हिंदू धर्म से संबंधित किसी भी आयोजन को मंजूरी न दी जाए। ममता बनर्जी के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल को 'ग्रेटर बांग्लादेश' बनाने की जो साजिश चल रही है, उसे हम किसी भी हाल में कामयाब नहीं होने देंगे। बंगाल की जनता अब जाग चुकी है और इसका परिणाम जल्द ही सामने आएगा।

जुलूस के आयोजन में भारी संख्या में लोग शामिल हुए, जिन्होंने ढोल-नगाड़ों की धुन पर रामनवमी का पर्व मनाया। सैकड़ों भक्तों ने इस अवसर पर धार्मिक गीतों का गायन किया और भगवान राम के जयकारे लगाए। जुलूस की शुरुआत पुरुलिया के विभिन्न इलाकों से हुई और यह पूरे शहर में घूमते हुए समापन स्थल पर पहुंचा। इस दौरान सभी लोग पूरी श्रद्धा और उल्लास के साथ जुलूस में शामिल हुए।


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